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मोबाइल-डायरी में छिपे हैं कई राज, रात के अंधेरे में निलंबित IPS पाटीदार से 5 घंटे की पूछताछ पर भी उठ रहे सवाल

महोबा में क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत के मामले में पुलिस को अभी तक डायरी और फाइल बरामद नहीं हुई है जिसमें कई राज छिपे हैं। आरोपित निलंबित आइपीएस मणिलाल पाटीदार ने भी पांच घंटे की पूछताछ के बाद सिर्फ अपना मोबाइल बरामद कराया है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Mon, 31 Oct 2022 11:10 PM (IST)Updated: Mon, 31 Oct 2022 11:10 PM (IST)
मोबाइल-डायरी में छिपे हैं कई राज, रात के अंधेरे में निलंबित IPS पाटीदार से 5 घंटे की पूछताछ पर भी उठ रहे सवाल
महोबा लाकर आरोपित निलंबित आइपीएस मणिलाल पाटीदार से पूछताछ की गई है।

महोबा, जागरण संवाददाता। क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत और भ्रष्टाचार के मामले में आरोपित के बरामद मोबाइल फोन से कई राज खुल कर सामने आ सकते हैं। वहीं उनकी गुम डायरी और फाइल का भी अबतक पता नहीं चल सका है। इनसे आरोपित पुलिस कर्मियों की असलियत सामने आ सकती है। लखनऊ में समर्पण के बाद बीते शनिवार की आधी रात कोतवाली लाये गए आरोपित निलंबित आईपीएस मणिलाल पाटीदार से पांच घंटे की पूछताछ में भी पुलिस कुछ हासिल नहीं कर सकी है। 

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यह था इंद्रकांत की मौत का मामला

कबरई प्रकरण में दिवंगत क्रशर कारोबारी इंद्रकांत ने सात सितंबर 2020 को तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार और कबरई के तत्कालीन एसओ देवेंद्र शुक्ला पर वसूली का आरोप लगाया था। उक्त लोगों से अपनी जान को खतरा बताते हुए आडियो, वीडियो वायरल किया था। मुख्यमंत्री को पत्र भेजे थे। आठ सितंबर को इंद्रकांत कबरई से चार किमी दूर रोड किनारे गोली लगने से अपनी गाड़ी में घायल मिले थे।

13 सितंबर को कानपुर रीजेंसी में उनकी मौत हो गई थी। दिवंगत के भाई रविकांत त्रिपाठी ने पूर्व एसपी व एसओ सहित चार लोगों के खिलाफ कबरई थाने में मुकदमा लिखाया था। एसआइटी जांच में सिपाही अरुण यादव का नाम भी जोड़ा गया था। इस समय मुख्य आरोपित निलंबित एसपी मणिलाल, बर्खास्त दारोगा देवेंद्र शुक्ला, बर्खास्त सिपाही अरुण यादव, कारोबारी सुरेश सोनी, ब्रह्मदत्त जेल में है।

पांच घंटे की पूछताछ में बरामद कराया अपना मोबाइल

क्रशर कारोबारी इंद्रकांत की मौत के मामले में मुख्य आरोपित एक लाख के इनामी निलंबित आईपीएस मणिलाल पाटीदार ने 15 अक्टूबर 2022 को लखनऊ की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था। उनको पूछताछ के लिए शनिवार आधी रात महोबा लाया गया था और कोतवाली के बंद कमरे में पांच घंटे चली पूछताछ में पाटीदार ने आरोपों को निराधार बताया था। उन्होंने छिपाकर रखा अपना मोबाइल फोन बरामद कराया था। पूछताछ के बाद जांच टीम पाटीदार को लेकर लखनऊ चली गई। 

स्वजन बोले, सामने होती पूछताछ तो खुलकर सामने आतीं बातें

आरोपित निलंबित एसपी मणिलाल पाटीदार से रात में पूछताछ के बाद वापस ले जाने से इंद्रकांत के स्वजन व साथी कारोबारियों में खासी नाराजगी है। उनका कहना है कि पुलिस यदि दिन में आरोपित आइपीएस मणिलाल पाटीदार को लेकर आती और हम सभी के सामने पूछताछ होती तो बहुत सारी बातें खुल कर सामने आ सकती थीं। रात के अंधेरे में लाकर चोरी छिपे वापस ले जाने के पीछे पुलिस की मंशा सही नहीं लग रही है। इंद्रकांत के एक साथी कारोबारी ने कहा कि इंद्रकांत के पास से जो डायरी और फाइल गायब हुई थी वह कबरई थाने से ही पुलिस ने हटवाया था, वह कहां है। उसमें पुलिस की बहुत कुछ वसूली को लेकर सच्चाई छिपी हो सकती है। वहीं कबरई थाना प्रभारी विनोद कुमार ने बताया कि आरोपित से जो भी जानकारी मिली है उसे फाइल करके कोर्ट के समक्ष पेश किया जाएगा।

कार में आगे की सीट पर रखी थी फाइल और डायरी

मालूम हो कि 8 सितंबर 2020 को अपनी कार में घायल अवस्था में मिले इंद्रकांत को अस्पताल भेजने के बाद कारोबारी की गाड़ी को तत्कालीन एसओ ने अपना एक सिपाही को भेज कर कबरई थाने मंगवा लिया था। उस दौरान जो चालक गाड़ी लेकर गया था उसने एसआइटी के समक्ष बयान दिया था कि गाड़ी की अगली सीट पर डायरी और दस्तावेज की फाइल रखी थी। सिपाही ने बैठते समय वह दस्तावेज-डायरी पिछली सीट पर रख दिए थे। थाने में गाड़ी खड़ी करने के दौरान भी वह फाइल और डायरी गाड़ी में ही थे।

बाद में गाड़ी की चाभी कबरई के तत्कालीन एसओ देवेंद्र शुक्ला को दे दिया था। यह सारी बातें चालक ने एसआइटी टीम को पूछताछ के दौरान भी बताई थी। अभी तक जो गाड़ी में दस्तावेज थे वह आखिर कहां गए यह रहस्य बना हुआ है। वह किसके इशारे पर गायब हुए इसका भी पर्दाफाश नहीं हो पा रहा है।

तत्कालीन एसपी ने जारी कराया था फर्जी वीडियो

तत्कालीन एसपी व प्रकरण के मुख्य आरोपित मणिलाल पाटीदार ने इंद्रकांत की ओर से सात सितंबर 2020 को वसूली के लगाए गए आरोप व लिखित साक्ष्य मीडिया के समक्ष रखने की धमकी भरे आडियो-वीडियो के बाद एक फर्जी जुआ खेलने का वीडियो जारी कराया था। उस वीडियो में इंद्रकांत को जुआ खेलते हुए दिखाया गया था, जो बाद में फर्जी निकला था। आरोपित का मोबाइल मिल जाने पर इस बात की सच्चाई भी खुल सकती है। वहीं उस समय आरोपित से किस-किस से बात हुई आदि का डिटेल इस प्रकरण की काफी कुछ सच्चाई सामने ला सकता है।


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