बढ़ती आबादी के साथ घटती गई स्वास्थ्य सुविधाएं
जागरण संवाददाता महोबा महोबा को जिले का दर्जा मिलने से पहले महोबा से अधिक चरखारी को
जागरण संवाददाता, महोबा : महोबा को जिले का दर्जा मिलने से पहले महोबा से अधिक चरखारी को महत्व दिया जाता था। यहां के सीएचसी को जिला अस्पताल का दर्जा था। यहां डॉक्टरों की तैनाती भी बेहतर ढंग से थी। शल्य चिकित्सा के माध्यम से नर्सिग टीचिग का अध्ययन होता था। इसके बाद महोबा को जिले का दर्जा मिला तो यहां चिकित्सालय की अनदेखी हो गई। महोबा के सीएचसी की दशा भी नहीं सुधारी जा सकी।
अंग्रेज शासन के समय और महोबा जिला बनने से पहले तक चरखारी कस्बा मुख्यालय की हैसियत का दर्जा रखता था। यहां सीएचसी में अच्छी चिकित्सा सुविधाएं थीं। विशेषज्ञ चिकित्सक तैनात थे। चरखारी में 30 साल पहले तक आबादी करीब 50,000 थी, आज 90 हजार के करीब है। इस तरह आबादी तो बढ़ी, लेकिन संसाधन कम हो गए।
यही हाल जिला अस्पताल महोबा का रहा। जिले की आबादी पांच लाख के करीब थी तब भी यहां दस डॉक्टर ही थे। अब आठ लाख के करीब आबादी है तो भी उतना ही स्टाफ है।
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दस साल पहले बंद हुआ टीचिग सेंटर
चरखारी सीएचसी में पहले 12 विशेषज्ञ डॉक्टर थे, अब मात्र दो डॉक्टर हैं। महोबा जिला बनने के दस साल बाद तक भी चरखारी में नर्सिंग टीचिग सेंटर संचालित था, जो दस साल पहले बंद हो गया। यहां टीचिग के लिए नेत्र, हृदय, बालरोग, सर्जन आदि डॉक्टरों की तैनाती प्रमुखता से थी। संयुक्त चिकित्सालय का दर्जा प्राप्त चरखारी अस्पताल 1995 में महोबा जिला गठन के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बन कर रह गया। यहां का महिला चिकित्सालय जिसमें प्रसव की बेहतर सुविधा इसलिए थी कि नर्सिग टीचिग के साथ प्रयोगात्मक अध्ययन और गर्भवती के टीकाकरण से प्रसव तक व ऑपरेशन की सुविधा थी।
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न बने रेफर सेंटर
जिला अस्पताल में सुविधाओं को बढ़ाने की जरूरत है। चरखारी कस्बा निवासी सहकारी समिति के अध्यक्ष ओम प्रकाश सेंगर का कहना है कि चरखारी सीएचसी और जिला अस्पताल महोबा में स्टाफ बढ़ाने की जरूरत है। बहुत मरीज दूर गांवों से आते हैं, लेकिन यहां से रेफर हो जाने पर कई को जान तक गंवानी पड़ती है। ---
जिला अस्पताल में स्टाफ की कमी है। इसके लिए शासन को पत्र भी दिए गए, लेकिन वहां से यही जवाब मिला कि फिलहाल स्टाफ की उपलब्धता सभी स्थानों पर कम है। फिर भी कोशिश रहती है कि जो मरीज जिला अस्पताल आ रहे हैं उन्हें उचित इलाज मिल सके।
-डॉ.आरपी मिश्रा, सीएमएस जिला अस्पताल महोबा