गौरा पत्थर की कलाकृतियों ने राष्ट्रपति का मन मोहा
जागरण संवाददाता, महोबा : जिले की कलात्मक पहचान गौरा पत्थरों की कलाकृतियों ने राष्ट्रपति
जागरण संवाददाता, महोबा :
जिले की कलात्मक पहचान गौरा पत्थरों की कलाकृतियों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का भी खूब मन मोहा। कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए लखनऊ में आयोजित ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) समिट में मुख्यमंत्री के साथ राष्ट्रपति जब गौरा पत्थरों के उत्पादों के स्टाल पर पहुंचे तो कला के बेजोड़ नमूने देख जमकर सराहना की। बारीकियां जानने के साथ ही कारीगरों को प्रोत्साहित किया। थोड़े प्रयास से इस कुटीर उद्योग के विस्तार की असीम संभावनाएं बताई। इस कला के प्रति राष्ट्रपति की दिलचस्पी ने इस कुटीर उद्योग के लिए उम्मीदों का धरातल तैयार कर दिया।
जिले के गौरहारी गांव की कला का प्रतिनिधित्व करने लखनऊ पहुंचे कालीदीन ने दैनिक जागरण को बताया कि राष्ट्रपति ने पूरी एकाग्रता से कलाकृतियों को देखा और जानकारी ली। बोले, यह कला बहुत अच्छी है, पत्थर की नित नई-नई चीजें बन रहीं हैं। कालीदीन ने राष्ट्रपति के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में गौरा पत्थर की किल्लत व उद्योग पर इसके असर का मुद्दा उठाया। बताया कि कहा कि लगभग दो साल पहले हुए एक हादसे के बाद गौरा पत्थर के पहाड़ से उत्खनन पर रोक लगी है। इससे गुणवत्ता युक्त पत्थर मिलने में काफी दिक्कतें आ रही हैं। गांव के दर्जनों कारीगर मजबूर होकर हाथ पर हाथ रखे बैठे हैं। राष्ट्रपति के आगे बढ़ते ही साथ में मौजूद एमएसएमई सचिव ने समस्या नोट कर जल्दी ही किसी उचित और अच्छे निर्णय की बात कही। कालीदीन ने यह भी सुझाव रखा कि गौरा पत्थर कला से जुड़े युवकों को वित्तपोषित कर कौशल विकास के तहत आधुनिकतम तकनीकी का प्रशिक्षण दिया जाए तो यह कला विश्व में ख्याति लेने में देर नहीं करेगी। इस पर वहां मौजूद अन्य विभागों के सचिवों ने बताया कि कई कार्यक्रम शुरू होने वाले हैं, जल्दी ही इसके लिए क्लस्टर के अलावा अन्य योजनाओं को मूर्त रूप दिया जाएगा। कालीदीन के साथ उनके पुत्र रवींद्र कुमार, वीरेंद्र कुमार, मोहम्मद कादिर, द्रगपाल आदि भी साथ में मौजूद थे।