आर्थिक तंगी से परेशान होकर किसान ने दी जान
संवाद सहयोगी चरखारी (महोबा) ग्राम रिवई के अनुसूचित जाति मोहल्ला निवासी 40 वर्षीय रामफल
संवाद सहयोगी, चरखारी (महोबा) : ग्राम रिवई के अनुसूचित जाति मोहल्ला निवासी 40 वर्षीय रामफल प्रजापति ने आर्थिक तंगी के चलते मंगलवार की रात घर में फांसी लगा कर जान दे दी। उनके पास चार बीघा जमीन है। कोरोना काल के कारण वह दिल्ली से वापस गांव लौट आए थे। यहां भी उन्हें काम नहीं मिला। बताते हैं कि दिवंगत किसान रामफल दिल्ली में एक फैक्ट्री में मजदूरी करते थे।
लॅाकडाउन होने से वहां काम बंद हो गया। काम न होने से वह वापस गांव आ गया था। यहां दो भाइयों के बीच में खेती किसानी के सहारे परिवार का खर्चा पूरा नहीं हो पा रहा था। छोटा भाई वृंदावन परिवार के साथ अलग रहता है। खेती से खर्चा पूरा न होने से वह परेशान थे। दिवंगत की पत्नी अशोकारानी ने पुलिस को बताया कि इसी के चलते पति मंगलवार को दिल्ली जाने के लिए बस में बैठ गए थे। बाद में बेटी शिवानी ने कहा कि पापा आज न जाओ। इस पर वह वापस लौट आए थे। स्वजनों के अनुसार रात में किसी बात को लेकर वह नाराज भी हो गए थे। सभी के साथ खाना खाया और सो गए थे। रात में कमरे में फंदा लगा कर फांसी लगा ली। सुबह देर तक कमरे से बाहर न आने पर बेटियों ने झांक कर देखा तो पिता फंदे से लटक रहे थे। चौकी प्रभारी अभिनाश मिश्रा ने बताया कि स्वजनों के अनुसार किसान ने आर्थिक तंगी के कारण परेशान होकर जान दे दी है। मनरेगा में पत्नी को मिला था काम
मनरेगा योजना में पत्नी अशोकारानी के नाम जॉबकार्ड बना है। उसने काम भी किया था, इधर कुछ दिनों से काम बंद था। दिवंगत की पत्नी ने बताया कि पति के दिल्ली में रहने के कारण उनका अभी कार्ड नहीं बना था। इस मामले में प्रधान कमलेश कुमार ने बताया कि पत्नी को मनरेगा में काम दिया गया था, उसके पति का आवेदन नहीं मिला था।