अपने हाल पर रोता इंग्लिश मीडियम स्कूल
संवाद सूत्र, पनवाड़ी (महोबा): परिषदीय विद्यालयों में गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करने के सरकारी
संवाद सूत्र, पनवाड़ी (महोबा): परिषदीय विद्यालयों में गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करने के सरकारी वादे वैसे भी दम तोड़ते नजर आ रहे हैं। रही-सही कसर सरकारी प्राइमरी इंग्लिश मीडियम स्कूल पूरा कर दे रहे हैं। काफी हो-हल्ला के बाद शासन ने सूबे के विभिन्न प्राइमरी स्कूलों को प्राइवेट कान्वेंट स्कूल जैसा बनाने की बात की थी। लेकिन, सभी कवायदें दम तोड़ती नजर आ रही हैं। व्यवस्था की असफलता के लिए विभागीय अधिकारी कठघरे में हैं। प्राइमरी स्कूल जखा इसका जीता जागता उदाहरण है।
इंग्लिश मीडियम तो दूर, इस स्कूल में बच्चों के पास हिन्दी मीडियम तक की किताबें नहीं हैं। प्रधानाचार्य के नाम पर अंग्रेजी विषय के एक विशेषज्ञ यहां नियुक्त हैं। शेष चार शिक्षामित्रों की नियुक्ति कर बस नाम का इंग्लिश मीडियम स्कूल बना दिया गया। यहां संसाधनों का टोटा है। पेयजल की परेशानी से लेकर फर्नीचर तक की दिक्कतें हैं। बच्चे ऐसे-तैसे शिक्षा पा रहे हैं। न कोई देखने वाला न ही कोई बेहतर करने वाला। प्राइमरी स्कूल जखा के हेड मास्टर प्रीतम लाल वर्मा ने बताया कि दिक्कतों के बीच बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करने के सकारात्मक प्रयास किए जा रहे हैं।
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विद्यालय का विवरण
छात्र संख्या 150 (133 पुराने 17 नव प्रवेश)
ड्रेस वितरण 133 (एक एक जोड़ी)
बिना ड्रेस बैठे बच्चे 17
विद्यालय में उपस्थिति 107
विषय विशेषज्ञ (अंग्रेजी) 01
विषय विशेषज्ञ (अन्य) 00
बैठने का इंतजाम टाट
पुस्तकें वितरित नहीं
'अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों के विषय विशेषज्ञों की परीक्षा ले नियुक्ति की गई थी। तमाम लोगों ने नए स्थान पर ज्वाइन नहीं किया। अब दोबारा रिक्तियां निकालने की प्रक्रिया चल रही है। फर्नीचर के लिए शासन को पत्र भेजा गया है।
-महेश प्रताप ¨सह, बीएसए