आरोपित फरार आइपीएस के खास सलाहकारों पर ईडी की निगाह
जागरण संवाददाता महोबा कबरई के क्रशर कारोबारी इंद्रकांत मौत प्रकरण में जांच कर रहे
जागरण संवाददाता, महोबा : कबरई के क्रशर कारोबारी इंद्रकांत मौत प्रकरण में जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की निगाह अब आरोपित फरार आइपीएस मणिलाल पाटीदार के खास सलाहकारों पर है। उसके वसूली करने के तरीकों और फैलाए गए जाल की तह तक जाने की कोशिशें तेज हो गई हैं। प्रयागराज स्थित ईडी के अस्थायी कार्यालय में बयान देकर लौटे लोगों के अनुसार, अफसर उस समय जिले में तैनात रहे पुलिस अधिकारियों के विषय में जानकारी ले रहे हैं। वह किस तरह फरार आइपीएस के लिए उद्यमियों को घेर कर उनसे वसूली करा रहे थे। इसको लेकर दो-दो तीन-तीन बार पूछा गया।
आरोपित आइपीएस मणिलाल पर अवैध वसूली और पैसा न मिलने पर उत्पीड़न के आरोपों की जांच में ईडी हर उस पुलिस अधिकारी व कर्मचारी का ब्योरा जुटा रही है, जो उसके इस काम में मददगार थे। इनकी सूची बनने के बाद कुछ नए चेहरे भी सामने आ सकते हैं। दिवंगत इंद्रकांत के भाई रविकांत त्रिपाठी और कारोबारी पार्टनर रहे बालकिशोर द्विवेदी के अनुसार, ईडी मुख्य आरोपित आइपीएस के महोबा में तैनाती के दौरान अवैध तरीके से उगाही की तह तक जाने की कोशिश में है। प्रयागराज के एसपी क्राइम आशुतोष मिश्र पूरे मामले की जांच कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पूर्व में पकड़े जा चुके और जेल में बंद चारों आरोपितों बर्खास्त एसओ देवेंद्र शुक्ला, बर्खास्त सिपाही अरुण यादव, आरोपित कारोबारी सुरेश सोनी व ब्रह्मादत्त के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। फरार आइपीएस पर एक लाख का इनाम घोषित है। उसे भगोड़ा घोषित करने के साथ कुर्की की कार्रवाई हो चुकी है। आरोपित मूलरूप से राजस्थान के जिला डूंगरपुर के थाना सरौंदा अंतर्गत गांव संगवारा का निवासी है। उल्लेखनीय है कि दिवंगत क्रशर कारोबारी इंद्रकांत ने सात सितंबर को तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार और कबरई के तत्कालीन एसओ देवेंद्र शुक्ला पर वसूली का आरोप लगाते हुए अपनी जान को खतरा बताते हुए आडियो, वीडियो वायरल किया था। दूसरे दिन आठ सितंबर को गोली लगने से वह अपनी गाड़ी में घायल मिले थे। 13 सितंबर को कानपुर स्थित अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी। उनके भाई रविकांत त्रिपाठी ने मुकदमा दर्ज कराया था।