चप्पलें घिस जातीं पर नहीं मिलता अनुदान
जागरण संवाददाता, महोबा: किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार कोई भी योजना बनाए पर विभागीय
जागरण संवाददाता, महोबा: किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार कोई भी योजना बनाए पर विभागीय पेचीदगी किसानों को उबरने नहीं दे रही है। बागवानी एवं मसालों की खेती के लिए बुंदलेखंड में चल रही योजना का भी हाल कुछ ऐसा ही है। किसान अनुदान या प्रोत्साहन राशि की स्वीकृति के लिए विभाग के चक्कर काट रहे हैं।
परंपरागत खेती से इतर बागवानी की तरफ रुख करने वाले किसान विभाग की कार्यशैली से मायूस हो रहे हैं। बुंदेलखंड एवं ¨वध्य क्षेत्र योजना के तहत किसानों के लिए नीबू-बेर, आंवला आदि के बाग लगाने की योजना आई। कुछ किसानों ने रुचि दिखाकर बाग लगाए मगर अब वे प्रोत्साहन राशि के लिए भटक रहे हैं। पनवाड़ी के रूरी खुर्द निवासी वेद प्रकाश नायक के अनुसार उन्होंने योजना के अंतर्गत 27 जुलाई 2017 को एक हेक्टेयर में नीबू का बाग लगवाया। मानक के अनुसार 315 पौधे रोपित किए गए। आरोप है कि कर्मचारियों ने हस्तक्षेप कर पौधों की खरीद मलिहाबाद लखनऊ की एक नर्सरी से कराई और घटिया पौधे दिए। विभाग के माली लखन लाल कुशवाहा और सहायक उद्यान निरीक्षक श्रीनारायण की मौजूदगी में पौधरोपण किया गया। हर तीन माह में एक बार निरीक्षण में पौधे ठीक पाए जाने पर प्रति माह तीन हजार रुपये प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है जो आज तक नहीं मिला। वह उद्यान विभाग और जिलाधिकारी कार्यालय के चक्कर लगा कर थक चुका है। यह एक मामला नहीं है ऐसे कई किसान और हैं जिनकी विभाग में फाइलें ही डंप हैं।
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घूस मांगने पर पकड़वाया था
वेद प्रकाश के अनुसार प्रोत्साहन राशि भुगतान के एवज में उससे 12 हजार रुपये की मांग की गई। उन्होंने एंटी करप्शन टीम को सूचना देकर इलाके के सहायक उद्यान निरीक्षक श्रीनारायण शर्मा को गिरफ्तार कराया, इससे पूरा विभाग नाराज हो गया।
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योजना के तहत प्रति हेक्टेयर तीन हजार रुपये प्रोत्साहन राशि उस शर्त पर दी जाती है जब पौधे ठीक चल रहे हों। अन्यथा किसानों को अपने व्यय से पौध बदलनी होती है। निरीक्षण में वेद प्रकाश का बगीचा ठीक नहीं पाया गया। इसलिए अनुदान जारी नहीं हुआ।
बलदेव प्रसाद, जिला उद्यान अधिकारी