Move to Jagran APP

बिना किताबें पारंगत हो रहे बच्चे

संवाद सूत्र, पनवाड़ी: जिस प्राथमिक शिक्षा में सुधार कर उसे कान्वेंट की बराबरी में खड़ा कर

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Aug 2018 11:35 PM (IST)Updated: Sun, 19 Aug 2018 11:35 PM (IST)
बिना किताबें पारंगत हो रहे बच्चे

संवाद सूत्र, पनवाड़ी: जिस प्राथमिक शिक्षा में सुधार कर उसे कान्वेंट की बराबरी में खड़ा करने के प्रयास हो रहे हैं, वहां जमीनी हकीकत कुछ और ही है। इन विद्यालयों में इंग्लिश मीडियम तो दूर हिन्दी माध्यम की परंपरागत पढ़ाई ही ठीक से होने लगे तो शायद बच्चों का कुछ भविष्य संवरे। प्राथमिक विद्यालय रिछा में तो बच्चे बिना किताब पढ़े ही शिक्षा में 'पारंगत' हो रहे हैं।

loksabha election banner

पनवाड़ी विकास खंड का प्राथमिक विद्यालय रिछा जहां पढ़ाई के लिए केवल 72 फीसद बच्चों की उपस्थिति मिली। प्रधान शिक्षक धीरेंद्र कुमार खुद बताते हैं कि एक शिक्षण कक्ष तो पूरी तरह जर्जर होकर बेकार हो गया है। दीवारें दरकने के साथ फर्श भी बैठने लायक नहीं है। इसलिए इस कक्ष का उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। बच्चों को जो धन आया उससे एक एक जोड़ी ड्रेस दे दी गई और शेष के लिए निधि का इंतजार हो रहा है। किताबों के नाम पर एक भी पुस्तक नहीं आई है और कुछ पुरानी किताबों से ही साझा में काम चलाया जा रहा है। प्रधानशिक्षक सहित चार सहायक अध्यापक और दो शिक्षा मित्र हैं पर दो महिला अध्यापक चिकित्सीय अवकाश पर चल रही हैं। विद्यालय में गैस सिलेंडर होने के बाद भी लकड़ी के चूल्हे पर खाना बनता है। शौचालय की दीवारे खड़ी है पर सीट और टाइल्स आज तक नहीं लग सके। चहारदीवारी टूटी होने से बेरोकटोक अन्ना मवेशियों का प्रवेश किसी समय भी विद्यालय में होना आम है। विद्यालय का पट आज भी बच्चों को दो साल पहले स्थानांतरित हो चुके जनपद के अधिकारियों के नामों की जानकारी दे रहा है।

---------------

विद्यालय की स्थिति

पंजीकृत बच्चे 203

विद्यालय में उपस्थित 146

सहायक अध्यापक 04

मौजूद 02

शिक्षा मित्र 02

शौचालय व्यवस्था (केवल दीवारें)

चहार दीवारी ध्वस्त

शिक्षण कक्ष एक पूरी तरह जर्जर

--------------------

विद्यालयों के संसाधनों व भवनों की गुणवत्ता की जानकारी उच्चाधिकारियों को भेजी गई है। दुरुस्तीकरण अथवा नए निर्माण की अनुमति मिलते ही काम कराया जाएगा। जनपद में पाठ्यपुस्तकों की खेप बहुत ही जल्दी आने वाली है जिसका बच्चों में वितरण करा दिया जाएगा।

महेश प्रताप ¨सह, बीएसए


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.