Mahoba News: महोबा में 1998 में तीन लोगों के नाम की गई सरकारी जमीन, अब तत्कालीन तहसीलदार सहित छह पर मुकदमा
Mahoba News महोबा में एक सरकारी जमीन को तीन लोगों के नाम करने के मामले में तत्कालीन तहसीलदार सहित छह पर मुकदमा दर्ज किया गया है। मामला 1998 का बताया जा रहा है। प्रकरण प्रशासन से जुड़ा होने के चलते लंबे समय से दबा है।
महोबा, जेएनएन। तथ्यों को छिपाते हुए तत्कालीन सदर तहसीलदार ने लेखपाल व कानूनगो के साथ मिल कर सरकारी जमीन को तीन लोगों के नाम कर दिया। मामले की जानकारी पर शहर के ही एक व्यक्ति ने इसकी शिकायत की। मामला प्रशासन से जुड़ा होने के कारण लंबे समय तक दबा रहा। आखिर तीसरी बार फिर उस व्यक्ति ने इसकी शिकायत तहसीलदार से की।
मामले की जांच की गई और अब जाकर इस मामले में तत्कालीन तहसीलदार, तत्कालीन लेखपाल, तत्कालीन रजिस्ट्रार कानूनगो और जिन तीन लोगों के नाम जमीन की गई थी उन्हें मिला कर छह लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है। मामला 1998 के करीब का है। उस समय महोबा सदर तहसील के तहसीलदार वाजिद हुसैन थे।
लेखपाल नंदरकिशोर और रजिस्ट्रार कानूनगो बृजकिशोर खरे थे। जमीन की खरीदफरोख्त करने वाले तीन लोगों से मिली भगत करके इन लोगों ने महोबा-छतरपुर रोड के किनारे की सरकारी जमीन (गाटा संख्या 2669) करीब चार बीघा थी, को शहर के सराफीपुरा निवासी केशव दत्त के पुत्र ज्योति प्रकाश तिवारी, शरद कुमार तिवारी, सुनील कुमार तिवारी के नाम कर दी थी।
इस प्रकरण में शहर के टिकरी मोहल्ला निवासी भगवानदास ने सभी छह आरोपितों के खिलाफ तत्कालीन सदर एसडीएम से 2015 में की थी। मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई। फिर 2020 में शिकायत की। उसमें भी मामला दबा दिया गया। बीते साल 2022 में भी सदर एसडीएम से शिकायत की थी। उसके बाद इस मामले में वर्तमान एसडीएम जितेन्द्र कुमार से शिकायत की। एसडीएम ने मामले का संज्ञान लेकर तहसीलदार को जांच सौंपी।
तहसीलदार ने इसकी जांच आख्या 29 अक्टूबर 2022 को उपलब्ध कराई। सदर एसडीएम ने बताया कि जांच में उल्लेख किया है कि मौजा दरीबा की भूमि नगर पालिका परिषद के अंतर्गत आती है। इस कारण स्थानीय निकाय नियत अधिकारी नगर पालिका परिषद की ओर से आख्या में उल्लिखित व्यक्तियों के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश दिए गए थे।