बारिश से पहले साफ होंगे गोरखगिरि के सरोवर
जागरण संवाददाता, महोबा: बुंदेली समाज कुआं की सफाई के साथ पोखरों की सफाई के लिए भी प्रय
जागरण संवाददाता, महोबा: बुंदेली समाज कुआं की सफाई के साथ पोखरों की सफाई के लिए भी प्रयासरत है। डीएम से मिल कर बुंदेली समाज के संयोजक ने मांग रखी कि गोरखगिरि पर्वत पर पोखरों की खोदाई करा कर उन्हें गहरा करा दिया जाए तो बारिश के समय वहां पानी एकत्र हो सकेगा। यह पानी पूरे साल वहां रहने वाले जीव जंतुओं के लिए मिल सकेगा। इस पर डीएम ने सरोवर की सफाई के निर्देश दिए हैं।
गुरु गोरखनाथ की तपोभूमि गोरखगिरि पर्वत में ऊपर दो सरोवर हैं। गोरख सरोवर सिद्धबाबा मंदिर के सामने हैं और दूसरा रिखन सरोवर (तलैया) रिखी बेताल शिला के सामने हैं। ये दोनों सरोवर कभी वर्षा जल संचयन के बड़े साधन थे। यह दोनों सरोवर साल भर पानी से भरे रहते थे। इनके अलावा गोरखगिरि में जल संचय की अपार क्षमता थी जिसकी वजह से साल के 8 महीने पहाड़ से झरने बहते रहते थे। जिनकी सुंदरता देखते बनती थी। इसके अलावा गोरखगिरि औषधीय जड़ी-बूटियों का दुर्लभ भंडार था लेकिन अब गोरख सरोवर व रिखन सरोवर दोनों बारिश के साथ बहकर आई मिट्टी से पट गये हैं। बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर ने बताया कि एक वर्ष पहले हम लोगों ने इन सरोवरों की मिट्टी साफ करने के लिए श्रमदान कार्यक्रम चलाया था जो रोज सुबह चलता था। छह महीने तक चले श्रमदान में हम गोरख सरोवर के 25 फीट एरिया की मिट्टी हटा पाए जो बहुत कम था। यदि बारिश के पहले 10 मजदूर 20 दिन के लिए वहां लगा दिए जाएं तो दोनों सरोवरों की मिट्टी काफी हद तक साफ हो जाएगी और बारिश के जल का पर्याप्त संरक्षण किया जा सकेगा। इससे न केवल पहाड़ पर रहने वाले वन्य जीवों को पानी मिल सकेगा बल्कि सिद्ध बाबा मंदिर जाने वाले भक्तों को भी राहत मिलेगी। डीएम ने मदद का पूरा भरोसा दिया और सरोवर की सफाई कराने के लिए सीडीओ को निर्देश हैं।