अमेरिका हो या कनाडा हर जगह मातृभाषा से प्रेम
जागरण संवाददाता महोबा रोम-रोम में रची बसी हिदी और मन में हिन्दुस्तान भले ही सुशील
जागरण संवाददाता, महोबा : रोम-रोम में रची बसी हिदी और मन में हिन्दुस्तान, भले ही सुशील और सुधीर परदेश में रहते हैं और इंजीनियरिग में नाम, पैसा कमा रहे हों, लेकिन अपने देश की मातृ भाषा के प्रति उनका सम्मान देखते ही बनता है। वह स्वयं हिदी में काम करने को प्राथमिकता तो देते ही हैं और हिदी साहित्य गोष्ठी आयोजित कराते हैं।
चरखारी तहसील के कस्बा खरेला के लक्ष्मण सोनी के चार पुत्रों में दो पुत्र विदेश में रहकर हिदी यानी देश की मातृ भाषा को और बल प्रदान कर रहे हैं। लक्ष्मण सोनी के सबसे बड़े पुत्र सुशील सोनी का खरेला कस्बा में अगस्त 1983 में जन्म हुआ। पिता ने बताया कि प्राइमरी से हाईस्कूल तक खरेला में शिक्षा पाने के बाद 2004 आइआइटी रूड़की से सीएस ब्रांच से इंजीनियरिग के बाद 2009 से अमेरिका के हुॅस्टन शहर की एक कंपनी में इंजीनियर हैं। सुशील सोनी का भोपाल की विधा सोनी से विवाह हुआ। बेटा आर्वन सोनी सात वर्ष व बेटी अवंतिका भी साथ में रह रहे हैं। एक दो साल में खरेला आना होता है। पिता लक्ष्मण कहते हैं कि सुशील अमेरिका में भारतियों के साथ हिदी में बोलचाल के साथ साथ भारतीय पर्व के मौके पर हिदी साहित्य पर गोष्ठी का आयोजन भी कराते हैं।
लक्ष्मण के दूसरे बेटे सुधीर सोनी ने खरेला के काशी प्रसाद इंटर कॉलेज से 2000 में हाईस्कूल व कानपुर जुगलदेवी से इंटर करने के बाद कंप्यूटर इंजीनियरिग नोएडा से करके 2017 से कनाडा के टोरांटो शहर एक कंपनी में इंजीनियर हैं। हिदी साहित्य से इनका भी गहरा जुड़ाव है। यह जब भी यहां आते हैं तो बुंदेलखंड भाषा में ही बात करते हैं। यहां की पुस्तकों का वह प्रचार प्रसार करने को वहां के साथियों में वितरण करते रहते हैं।