जयकारों के बीच हुआ बाबा का जलाभिषेक
जागरण संवाददाता महोबा सावन माह के दूसरे सोमवार को शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ उम
जागरण संवाददाता, महोबा : सावन माह के दूसरे सोमवार को शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। श्रद्धालुओं ने मंदिरों में जाकर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक किया। सुख और समृद्धि की कामना करते हुए शिव मंदिरों में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान आयोजित हुए।
शिवालयों में भोर से ही श्रद्धालुओं ने पहुंचकर विधि विधान से पूजा आराधना की। शहर के उमंगेश्वर मंदिर, बलखंडेश्वर मंदिर, द्वादश शिवलिग मंदिर, शिव तांडव मंदिर, बड़ी चंद्रिका परिसर में स्थित शिव परिवार मंदिर, शेखनपुरा के शिव मंदिर सहित अन्य शिवालयों में श्रद्धालुओं ने महादेव को भांग, बेलपत्र, गंगाजल, दूध, शहद, भस्म, दही, पुष्प आदि अर्पित किया। द्वादश शिवलिग मंदिर में भक्तों ने पार्थिव शिवलिग निर्माण किया। शिवालयों में रुद्राभिषेक, जलाभिषेक आदि अनुष्ठान हुए। पंडित भरत त्रिपाठी ने बताया कि सावन महीना में भगवान शंकर की पूजा करने से विशेष फल मिलता है। सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। महादेव को सात्विक प्रसाद ही लगाना चाहिए। जो भक्त सावन के सोमवार को व्रत रखते हैं उन्हें सोलह सोमवार के बराबर पुण्य लाभ प्राप्त होता है। कष्टों, रोगों से छुटकारा दिलाने वाले और लंबी आयु प्रदान करने वाले महादेव हैं। शिवलिग से दक्षिण दिशा में बैठकर पूजा करने से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।
शिवपुराण कथा से पूर्व निकाली कलश यात्रा: सावन के पवित्र माह में सोमवार से शिवमहापुराण का आयोजन हो रहा है। अनुष्ठान से पूर्व शहर में भव्य कलश यात्रा निकाली गई। जिसमें बड़ी संख्या में भक्त शामिल हुए। कलश यात्रा अपने तय मार्गों से होते हुए शिवमहापुराण स्थल पर संपन्न हुई।
गांधीनगर निवासी सुधीर गुप्ता शशि गुप्ता के आवास पर सोमवार से शिवमहापुराण का आयोजन हो रहा है। इसका प्रारंभ भव्य कलश यात्रा से किया गया। कलश का पूजन करने के बाद यात्रा का शुभारंभ किया गया। यात्रा में महिलाएं और युवतियां सिर पर मंगल कलश रखकर ओम नम: शिवाय का जाप करते चल रहीं थीं। पीछे रथ पर सवार शिवमहापुराण वाचक आचार्य अवधेशानंद चित्रकूट चल रहे थे। इस दौरान भगवान भोलेनाथ के जयकारों से माहौल भक्तियम हो गया। कलश यात्रा के माध्यम से शहर के श्रद्धालुओं को शिवमहापुराण कथा सुनने का निमंत्रण दिया गया। यात्रा नरसिंह कुटी से, आल्हा चौक, पालीवाल मार्केट से होती हुई सुधीर गुप्ता के आवास पर संपन्न हुई। आचार्य ने पहले दिन शिव महात्म्य एवं शिव मंदिर में भक्ति की विधि बताई।