लॉकडाउन के बाद शुरू हुए किशोर स्वास्थ्य क्लीनिक
जागरण संवाददाता महोबा लॉकडाउन के बाद अनलॉक में मिली छूट के बाद स्वास्थ्य सेवाएं पटरी
जागरण संवाददाता, महोबा : लॉकडाउन के बाद अनलॉक में मिली छूट के बाद स्वास्थ्य सेवाएं पटरी पर लौट रही हैं। अब किशोर-किशोरी स्वास्थ्य परामर्श सेवा शुरू हो गई है। किशोरावस्था में शारीरिक एवं मानसिक बदलाव बहुत तीव्रता से होते हैं। वह यहां आकर समस्याओं को साझा कर सही परामर्श ले रहे हैं।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सुमन ने बताया कि एक विवाहित अथवा अविवाहित, स्कूल जाने वाले, ग्रामीण या शहरी क्षेत्र के किशोर, किशोरियों की यौन विषय पर जानकारी भी अलग-अलग होती है। इन्हीं उलझनों को सुलझाने के लिए उन्हें एक सच्चे साथी की जरुरत महसूस होती है। राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जिला अस्पताल में किशोर स्वास्थ्य क्लीनिक व किशोरी स्वास्थ्य क्लीनिक संचालित हैं। लॉकडाउन के चलते इसमें काफी कमी आ गई थी, लेकिन अब यह सेवा पुन: बहाल कर दी गई है। डीआइसी मैनेजर डॉ. अंबुज गुप्ता ने बताया कि क्लीनिक पर प्रशिक्षित परामर्शदाताओं द्वारा किशोर-किशोरियों के स्वास्थ्य विषयों पर परामर्श की समुचित सेवाएं दी जा रही हैं। इससे उनके जीवन में बड़े बदलाव भी देखने को साफ मिल रहे हैं। प्रजनन स्वास्थ्य को लेकर भी किशोर किशोरियों के तमाम सवाल होते हैं, जिनके बारे में सही जानकारी वह चाहते हैं। नजरंदाज न करें, समस्या को सुलझाएं
किशोरी स्वास्थ्य क्लीनिक की परामर्शदाता रजनी चौरसिया का कहना है कि किशोरावस्था के दौरान माता-पिता को भी बच्चों की समस्याओं को सुलझाने का प्रयास करना चाहिए। समस्याओं को धैर्यपूर्वक सुनें और उचित सलाह दें न कि नजरंदाज करें। टालने और नजरदांज करने से माता-पिता एवं युवाओं की प्रतिक्रियाएं उनके स्नेहपूर्ण तथा जिम्मेदार संबंधों में स्वस्थ लैंगिक विकास के विषय में संवाद को मुश्किल बनाते हैं।