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प्रशासन ने जबरन खत्म कराया धरना-प्रदर्शन

जागरण संवाददाता, महोबा : शहर के आल्हा चौक स्थित अंबेडकर पार्क में किसानों द्वारा कबरई

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Aug 2018 11:48 PM (IST)Updated: Sat, 25 Aug 2018 11:48 PM (IST)
प्रशासन ने जबरन खत्म कराया धरना-प्रदर्शन
प्रशासन ने जबरन खत्म कराया धरना-प्रदर्शन

जागरण संवाददाता, महोबा : शहर के आल्हा चौक स्थित अंबेडकर पार्क में किसानों द्वारा कबरई बांध के उच्चीकरण व अर्जुन सहायक परियोजना के तहत उनकी अधिग्रहीत भूमि का मुआवजा दिलाने को लेकर बीती 11 अगस्त से अनशन किया जा रहा था। बता दें कि चार किसानों की शुक्रवार को हालत बिगड़ गई थी जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जबकि कबरई निवासी किसान मैयादीन की अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई थी। हालांकि प्रशासन ने उसकी मौत बीमारी से होना बताया था।

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किसान की मौत के बाद प्रशासन ने सख्ती पेश की और बीती रात पुलिस बल को अनशन स्थल पर भेजकर एसडीएम की मौजूदगी में किसानों पर सख्ती की गई और उनका टेंट अलग कराकर उनका धरना प्रदर्शन समाप्त कराया गया। जबकि बिगड़ी हालत के चलते 65 वर्षीय सियारानी, 60 वर्षीय रसूला, 75 वर्षीय रामकिशुन सहित रानी, इंद्रारानी, कमलेश, रामबाई, फूलवती, श्यामरानी, छोटेलाल व मझली निवासीगण कस्बा कबरई को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। इंद्रारानी ने बताया कि देर रात पुलिस आई थी और जबरन उन्होंने धरना प्रदर्शन खत्म कराकर किसानों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं कुछ किसानों से मारपीट भी की गई और उसका बैग भी पुलिस ने ले लिया जिसमें रुपए भी थे। हालांकि किसानों का कहना है कि प्रशासन कितनी भी सख्ती क्यों न कर ले वह हक को लेकर रहेंगे। आगामी दिनों में वह और बड़ा आंदोलन करेंगे। इस संबंध में एसएचओ विजय ¨सह से बात करने पर उन्होंने बताया कि एसडीएम ने फोर्स मांगा था जिसे भेजा गया था। आगे क्या हुआ उन्हें जानकारी नहीं है। उपजिलाधिकारी से बात करनी चाही तो उन्होंने कहा कि वह मी¨टग में है। इसलिए अभी कुछ नहीं बता सकते।

इनसेट

प्रशासन का दावा किसान मैयादीन को पहले ही मिल चुका मुआवजा

महोबा : किसान मैयादीन मुआवजे के लिए अनशन पर बैठा था। उसकी हालत कुछ दिनों से खराब थी और अस्पताल ले जाते वक्त गुरुवार की रात उसकी मौत हो गई थी। हालांकि प्रशासन का दावा है कि उनकी जांच में उन्हें पहले ही मुआवजा मिल गया था। सवाल है कि यदि मुआवजा मिल गया था तो वह अनशन पर क्यों बैठा। किसानों में प्रशासनिक अनदेखी और मुआवजा न मिलने के कारण रोष देखा जा रहा है। वह अब बड़े आंदोलन की रणनीति बना रहे है।

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मामले की एसडीएम राजेश यादव से जांच कराई गई। मृतक मैयादीन के पुत्र को किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने यह कहकर बुलाया था कि धरना में आओ यदि कुछ हो जाएगा तो पांच लाख रुपए दिलाएंगे। उसके पुत्र ने बताया कि इसी को लेकर उसके पिता को 12 अगस्त को धरना स्थल ले जाया गया था। पुत्र ने बताया कि उनकी जमीन है जिसका अधिग्रहण हुआ था उसके निर्धारित रेट का मुआवजा भी मिल गया है। पुत्र राजबहादुर के कथन से स्पष्ट होता है कि मैयादीन की मौत स्वाभाविक है।

- सहदेव, जिलाधिकारी महोबा।


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