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काम है पर दाम नहीं, श्रमिक जाएंगे बाहर

अचानक रोजी-रोजगार ठप होने से प्रवासियों श्रमिकों के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 May 2020 11:59 PM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 06:02 AM (IST)
काम है पर दाम नहीं, श्रमिक जाएंगे बाहर

महराजगंज: कोरोना वायरस को लेकर हुए लॉकडाउन के चलते देश, प्रदेश के विभिन्न जनपदों से लोग अपने गांव को लौट आए हैं। अचानक रोजी-रोजगार ठप होने से प्रवासियों, श्रमिकों के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। हालांकि कुछ प्रवासियों को मनरेगा के तहत काम भी मिला है, लेकिन उनका मानना है कि यहां काम तो है, लेकिन काम के हिसाब से दाम नहीं मिलता है। यहां मनरेगा से पेट भरने वाला नहीं है। न चाहते हुए भी लॉकडाउन समाप्त होने पर मजबूरी में परदेश जाना ही पड़ेगा। केस एक- पंजाब से लौटे पनियरा के बभनौली निवासी बलवंत यादव ने बताया कि वह छह माह से पंजाब में ट्रक पर खलासी का काम करते है। लेकिन लॉकडाउन के कारण घर आ गए है। अगर जिले में ही रोजगार मिल जाए, तो बाहर कमाने जाने की क्या जरूरत है। केस दो- पनियरा निवासी धर्मेष निषाद ने बताया कि वह दिल्ली में एक साल से ट्रैक्टर चलाने का काम करता है। अच्छा पैसा मिल जाता है। यहां ग्रामीण क्षेत्र में पैसा कम है। अब लॉकडाउन समाप्त होने के बाद फिर काम पर जाऊंगा। केस तीन- परतावल के मोहम्मदपुर निवासी त्रिपुरारी उपाध्याय ने बताया कि वह लुधियाना टैक्सटाइल्स कंपनी में 11 वर्षों से सुपरवाइजर के पद पर काम करते हैं। लॉकडाउन में अपने घर चला आया हूं। लॉकडाउन समाप्त होने के बाद फिर लुधियाना जाना मजबूरी है। क्योंकि यहां उनके मुताबिक रोजगार के उतने अवसर नहीं है। केस चार- लखिमा निवासी यशवीर यादव पूना से लॉकडाउन में वापस अपने घर लौट आए हैं। वह पलंबर और कारपेंटर का काम करते हैं। लेकिन यहां काम नहीं मिलने से रखे हुए पैसे से काम चला रहे हैं। अगर काम नहीं मिलेगा तो लॉकडाउन समाप्त होने के बाद पूना जाना मजबूरी होगी। प्रवासियों को मनरेगा के तहत काम दिया जा रहा है। तकनीकी रूप से दक्ष प्रवासियों के लिए कौशल विकास योजना तथा जिला उद्योग के माध्यम से आवेदन प्राप्त कर प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोड़ा जाएगा।

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पवन अग्रवाल

मुख्य विकास अधिकारी कुटीर उद्योग के लिए मिलेगा ऋण, रोजगार से जुड़ेंगे प्रवासी

यूं तो जिले में अब तक 95 हजार प्रवासी आ चुके हैं। प्रवासियों के जनपद में ही रोजगार उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। जिला ग्रामोद्योग अधिकारी गिरीश चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि प्रवासियों को सरकार की तरफ बैंक के माध्यम से ऋण देकर कुटीर उद्योग व रोजगार के लिए योजना लागू की गई है। इसके तहत प्रवासी मजदूरों से रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा। दस जून तक आवेदन मांगे गए हैं। जांच पड़ताल के बाद फाइल बैंक को प्रेषित कर ऋण उपलब्ध कराई जाएगी। रोजगार के लिए 110 लोगों ने आवेदन किया है, लेकिन ऋण के लिए किसी ने आवेदन नहीं किया है।


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