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जिला पंचायत अध्यक्ष के अधिकार सीज करने का मुद्दा तूल पकड़ा

समाजवादी पार्टी ने जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Nov 2020 06:08 PM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2020 06:08 PM (IST)
जिला पंचायत अध्यक्ष के अधिकार सीज करने का मुद्दा तूल पकड़ा

महराजगंज: जिला पंचायत अध्यक्ष प्रभुदयाल चौहान के अधिकार सीज करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गुरुवार को समाजवादी पार्टी ने जिला पंचायत अध्यक्ष के पक्ष में मोर्चा संभाल लिया है। सपा जिलाध्यक्ष आमिर हुसैन के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर जिला पंचायत अध्यक्ष के समस्त वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार बहाल करने की मांग की है।

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जिलाध्यक्ष ने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष प्रभुदयाल चौहान समाजवादी पार्टी के निष्ठावान सदस्य हैं। जबकि देश, प्रदेश में भाजपा की सरकार है। स्थानीय सांसद, विधायक भी भाजपा के ही है। जिला पंचायत के गठनकाल से ही अध्यक्ष की कुर्सी पर सांसद पंकज चौधरी का प्रभाव रहा। उनके अतिविश्वसनीय लोग ही जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज रहे। वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष प्रभुदयाल के विधि विरूद्ध वित्तीय कार्य संपादन करने से मना करने पर राजनैतिक द्वेषवश से बिना किसी औपचारिकता को पूर्ण किए यह वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार को सीज कर दिया गया। जो पंचायती राज अधिनियम 1961 के प्रावधानों का उल्लंघन है।

इस दौरान पूर्व विधायक श्रीपति आजाद, पूर्व जिलाध्यक्ष राजेश यादव, भाई रामलाल यादव, दिलीप कुमार शुक्ला, दीनबंध दीपू, अमीर खान, विनय प्रताप, विद्रेश कन्नौजिया, सत्यपाल यादव, केशव जायसवाल, जगदंबा गुप्ता, रामप्रसाद, विजय प्रताप यादव, क्यामुद्दीन, जितेंद्र यादव, राहुल कुमार मिश्र आदि उपस्थित रहे। वर्ष 1995 से अब तक के कार्यों की जांच हो

महराजगंज: सपा नेता दिलीप शुक्ला ने कहा कि जिला पंचायत के वर्ष 1995 से अब तक के कार्यों की जांच कराई जाए। ताकि सभी भ्रष्टाचार जनता के बीच में आ सकें। जिला पंचायत अध्यक्ष प्रभुदयाल चौहान पूरी तरह से ईमानदार हैं। उनके ऊपर दाग लगाना अन्याय है। यह सिर्फ राजनीतिक खेल खेला जा रहा है। जब वह समाजवादी पार्टी में आए तो भ्रष्ट हो गए और जब तक वह भारतीय जनता पार्टी में थे तब तक वह ईमानदार थे। यह सोचने वाली बात है। प्रभुदयाल ने नियमों के विरुद्ध किया कार्य

महराजगंज: हियुवा जिलाध्यक्ष व जिला पंचायत सदस्य नरसिंह पांडेय ने कैंप कार्यालय पर आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष रहे प्रभु दयाल चौहान ने सही तरीके से अपने दायित्व का निर्वहन नहीं किया, नियमों को ताक पर रखकर अपने सगे संबंधियों को ठीकेदारी के लिए स्वयं रजिस्ट्रेशन किया। यह जिला पंचायत के नियमों के विरुद्ध है। उन्होंने कहा कि यदि प्रभु दयाल के ऊपर किसी भी तरह का कोई दबाव था तो बोर्ड की बैठक बुलाकर उन्हें सार्वजनिक करनी चाहिए थी। उन्हें समाजवादी पार्टी में शामिल नहीं होना चाहिए था। प्रभु दयाल को यह बात याद रखनी चाहिए थी कि समाजवादी पार्टी के लोगों का विरोध करके ही जिला पंचायत सदस्यों ने गरीब परिवार काबेटा समझ कर उन्हें अपना अध्यक्ष चुना था। प्रभु दयाल चौहान के किए गए गलतियों की सजा मिली है जो काम आज हुआ है वह और पहले हो जाना चाहिए था।


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