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मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर रहे शिक्षक

भगवान शिव ने सुखदेव बनकर सारे संसार को भागवत कथा सुनाई । उन्होंने श्रोताओं को कर्मों का सार बताते हुए कहा कि अच्छे और बुरे कर्मों का फल भुगतना ही पड़ता है। उन्होंने भीष्म पितामह का उदाहरण देते हुए कहा कि भीष्म पितामह छह महीने तक बाणों की शैय्या पर लेटे थे।

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Oct 2021 11:20 PM (IST)Updated: Sat, 23 Oct 2021 11:20 PM (IST)
मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर रहे शिक्षक
मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर रहे शिक्षक

महराजगंज: उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले राष्ट्रीय सचिव संजय कुमार मिश्रा एवं जिलाध्यक्ष बलराम निगम के नेतृत्व में सभी विकास खंडों के अध्यक्ष, मंत्री एवं जनपदीय पदाधिकारियों ने पदोन्नति सहित अन्य मांगों को लेकर 30 घंटे का अनवरत भूख हड़ताल किया। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के आश्वासन के बाद हड़ताल समाप्त किया गया।

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राष्ट्रीय सचिव ने कहा कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा आश्वासन दिया गया है कि वरिष्ठता सूची जारी कर शीघ्र ही अनुमोदन के लिए बेसिक सचिव को भेज दिया जाएगा और अनुमोदन के उपरांत एक हफ्ते की भीतर पदोन्नति कर दी जाएगी। राष्ट्रीय सचिव ने कहा कि अगर मांगे पूरी नहीं हुई तो शिक्षकों की समस्याओं के समाधान के लिए फिर आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी।

जिलाध्यक्ष बलराम निगम ने कहा कि शिक्षक हित में जब भी आवश्यकता पड़ी आंदोलन किया जाएगा। जिला मंत्री अम्बरीष शुक्ला ने कहा कि शिक्षक संगठन हक के लिए सदैव तत्पर है। कलक्ट्रेट एसोसिएशन के अध्यक्ष श्रीनाथ धर दुबे, राज्य कर्मचारी सयुंक्त परिषद के जिलाअध्यक्ष ओपी त्रिपाठी, महामंत्री राकेश त्रिपाठी, वीरेन्द्र यादव, दिलीप विश्वकर्मा, नीरज राय, शशिकेश तिवारी, राजेश धारिया, राकेश तिवारी, अख्तर हुसैन खां, चंदन द्विवेदी, विमलेश राय, रवि मिश्रा, दिनेश कन्नौजिया, सचिदानंद मिश्रा, सुमित पटेल, मुकेश सिंह, हिसामुद्दीन सिद्दीकी, जयंत्री प्रसाद , अरिवंद पांडेय, ज्ञानदेव सिंह, विजय यादव, रामेश्वर मौर्या, टीपी सिंह, विवेक सिंह आदि उपस्थित रहे।

कथा सुनने से दूर होते हैं सारे कष्ट श्रीमद्भागवत कथा सुनने से सारे कष्ट अपने आप दूर हो जाते हैं। सभी को जीवन में समय निकालकर कथा का श्रवण जरूर करना चाहिए। पचरुखिया तिवारी में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा में कथा व्यास पंडित उपेंद्र तिवारी ने श्रीमद्भागवत कथा का संक्षेप में श्रोताओं को सार बताया।

भगवान शिव ने सुखदेव बनकर सारे संसार को भागवत कथा सुनाई । उन्होंने श्रोताओं को कर्मों का सार बताते हुए कहा कि अच्छे और बुरे कर्मों का फल भुगतना ही पड़ता है। उन्होंने भीष्म पितामह का उदाहरण देते हुए कहा कि भीष्म पितामह छह महीने तक बाणों की शैय्या पर लेटे थे। सत्यनिष्ठ प्रेम के पुजारी भक्त भगवान के अति प्रिय होते हैं। कलयुग में कथा का आश्रय ही सच्चा सुख प्रदान करता है। कथा श्रवण करने से दुख और पाप मिट जाते हैं। कथा के यजमान अवकाश प्राप्त प्रवक्ता कोदई तिवारी और सुधा तिवारी रहे। पंडित जगदीश दुबे, दीपू तिवारी, बालमुकुंद तिवारी,शुभम तिवारी,राज तिवारी, नीरज श्रीवास्तव, शैलेष तिवारी,राजमन तिवारी,राम तिवारी, राजेश तिवारी,श्रीराम,मैनू तिवारी,छविद्र तिवारी,रोहन तिवारी आदि मौजूद रहे।


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