नहर में पानी आने से किसानों में खुशी
बीते तीन माह से पानी नहीं आने से सूखी पड़ी थी नहर
महराजगंज: तहसील क्षेत्र के डंडा नहर में पानी आने से किसानों ने राहत की सांस ली है। अब उनके चेहरे पर खुशी झलक रही है। बीते एक जनवरी को जागरण ने 'सूखी नहर से सिचाई का संकट की खबर प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिसमें अधिकारियों ने डंडा हेड में पानी की कमी व उसको स्टोर करने के बाद नहर में पानी छोड़ने की बात कही गई थी। शुक्रवार को नहर में पानी आया तो क्षेत्र के किसानों ने पंपसेट लगाकर गेहूं की सिचाईं करना शुरू कर दिया। डंडा हेड से बनवाटारी तक नहर के माध्यम से पानी पहुंचता है, जिसमें नौतनवा नगर से बरवाभोज, खैराटी, आराजी महुअवा, चौतरवा, सिघोरवा, बरवाकला, चड़लहा, नरकटहा गांवों के किसान खेतों में सिचाई व रोपाई करते आ रहे हैं। जब नहर में पानी नहीं रहता है तो हजारों एकड़ फसल मुरझाकर समाप्त हो जाती है। ऐसी व्यवस्था को देखते हुए कुछ किसानों ने अपने खेतों में बोर करवा लिया है। समय से सिचाईं न होने पर फसल सूख जाती है और उनकी मेहनत पर पानी फिर जाता है। किसान रामानुज मौर्य, नरेंद्र कुमार, कृष्ण कुमार, संजीव, राजू सहानी, जवाहिर भारती, अमृत यादव, शिव मनोहर आदि ने जागरण को धन्यवाद दिया है। दुर्घटना को दावत दे रही गोपालपुर माइनर की टूटी रेलिग
महराजगंज: सिसवा मुंशी से परतावल मार्ग पर बेलवा बुजुर्ग के पास नारायणी शाखा नहर से निकले गोपालपुर माइनर की रेलिग टूटने से दुर्घटना की आशंका बनी रहती हैं। अधिक दुर्घटना जाड़े के मौसम में घने कोहरे के कारण होती हैं। कई बार चालक बाइक लेकर माइनर में गिर गए हैं। यह स्थिति कई वर्षों से अधिक समय से नासूर बनी हैं। इसके कारण छोटी-मोटी कई दुर्घटनाएं भी पूर्व में हो चुकी हैं। पुल नीचे की तरफ धंस भी गया है। इसी मार्ग से क्षेत्र के मिर्जापुर पकड़ी सिसवा मुंशी गोपाला, बरगदही, गंगराई, लक्ष्मीपुर खास, बेलवा बुजुर्ग, रघुनाथपुर,पिपरपाती तिवारी, बरियारपुर, लक्ष्मीपुर देउरवा, बासपार नूतन, रघुनाथपुर आदि कई गांवों के लोग आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए परतावल ब्लाक और जीएम मार्ग पर जाते हैं। पहिया व दो पहिया वाहन आते जाते रहते हैं। चार पहिया वाहन ट्राली, ट्रक भी माल लेकर सिसवा मुंशी आते है। क्षेत्र के छह ग्रामीणों ने कई बार प्रशासन और जनप्रतिनिधि को पत्र लिखकर इस पुल की रेलिग बनवाने की मांग की है। दरअसल इस लिक मार्ग पर इस तरह से पुल की टूटी रेलिग को नजरअंदाज करना प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की लापरवाही है। ग्रामीण राजनारायण,
नूर आलम, नवीन शर्मा, विद्रेश पटेल, हरिलाल, सुरेंद्र पटेल,मो हुसैन, निजामुद्दीन, इसरार खान, इजहार खान, नागेश्वर पटेल, सुरेंद्र प्रजापति, अवधेश प्रजापति,अफसर अली,बबलू पटेल, शुभम पांडेय, सानंदन पांडेय,जाकीर अली, इकबाल, इरफान, रईश, तुफैल आदि ने प्रशासन से इस पुल की रेलिग बनवाने की मांग की है।