थम गए रोडवेज बसों के पहिये, प्रतिदिन सात लाख का नुकसान
दोपहर बाद सख्त हुआ प्रशासन -इमरजेंसी छोड़कर गोरखपुर जिले में किसी भी वाहन की नहीं हो पाएगी एंट्री
महराजगंज: गोरखपुर जिले में लाकडाउन की सख्ती का असर महराजगंज में भी दिखने लगा है। सोमवार दोपहर रोडवेज बसों के पहिये थम गए। जो बसें जहां थीं, वहीं रोक दी गईं। परिवहन निगम के अधिकारियों ने बताया कि बसों के पहिये थमने से रोजाना सात लाख रुपये का नुकसान होगा। बाहर से आने वाले यात्रियों की परेशानी अलग होगी। बसों के पहिये थमने से डिपो पर यात्रियों की भीड़ लग गई। प्राइवेट बसों का संचालन नहीं हो पाया। हालांकि टेपू चालकों की चांदी रही। मुंबई, दिल्ली, कोलकाता सहित अन्य महानगरों से आने वाले यात्रियों का सिलसिला जारी रहा।
-----
पुलिस ने वाहनों को रोका
सोमवार की सुबह रोडवेज की दर्जन भर बसों गोरखपुर सहित अन्य जिलों के लिए रवाना हुई, लेकिन दोपहर होते ही गोरखपुर पुलिस ने सख्ती बरतना शुरू कर दिया। गुलहरिया थाने के पास ही बसों को रोक दिया गया। उन्हें वापस डिपो के लिए रवाना कर दिया गया। जिसकी वजह से यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। दोपहर तीन बजे तक बसों को महराजगंज डिपो में रोक दिया गया। धीरे-धीरे कर सभी बसों को वर्कशाप में भेज दिया गया। करीब 46 बसें डिपो में खड़ी हैं। बस्ती में एक, राप्तीनगर डिपो में एक बस को रोका गया है। अनुबंधित बसों को मालिकों के यहां रखा गया है।
---------
बसों के इंतजार में परेशानी
बसों के इंतजार में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। डिपो हो गया चौराहा लोग बच्चों व महिलाओं के साथ सवारी का इंतजार करने नजर आए। अराजकता का माहौल यह रहा कि टेंपो चालक या प्राइवेट वाहन चालक मुंहमांगा किराया वसूल करने लगे।
--------
सुबह कुछ बसें गोरखपुर गई थी। गुलहरिया थाने के पास बसों को लौटा दिया गया। दोपहर बाद सभी बसों को वर्कशाप में खड़ा कर दिया गया है। अगले आदेश तक बस डिपो में खड़ा रहेगी।
महेंद्र पांडेय, एआरएम गोरखपुर