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शहर के बहुमंजिली इमारतों से रेन हार्वेस्टिग सिस्टम नदारद

भूजल के अंधाधुंध दोहन से दिनों-दिन भूजल का स्तर नीचे जा रहा है और पानी की कमी होती जा रही है। स्थिति यह है कि लोगों को पीने तक का पानी नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में वर्षाजल को संग्रहित करने के लिए उसके संचय पर जोर दिया जा रहा। इसके लिए शासन ने बहुमंजिला इमारतों व सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगवाने का निर्देश दिया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Jun 2021 01:57 AM (IST)Updated: Tue, 22 Jun 2021 01:57 AM (IST)
शहर के बहुमंजिली इमारतों से रेन हार्वेस्टिग सिस्टम नदारद

महराजगंज: जल ही जीवन है और जीवन को बचाने वाले अवयवों में जल एक प्रमुख कारक है। इसीलिए जल का पर्याप्त मात्रा में होना और पीने के लिए शुद्ध होना, निहायत जरूरी है। इसके बावजूद शहर से लेकर गांवों में बारिश के पानी का संरक्षण नहीं हो रहा है। वर्षा जल संचय (रेन वाटर हार्वेस्टिग) करने के लिए न तो बहुमंजिला इमारतों में कोई प्रबंध है और न ही सरकारी भवनों के निर्माण में इसका ध्यान रखा जा रहा। विडंबना है कि बिना नक्शा पास कराए ही कई इमारतें तन गई हैं। जिले के तीन नगर पालिका और आठ नगर पंचायतों के अधिकारियों के पास इनका कोई ब्यौरा ही नहीं। उच्चाधिकारियों के पूछताछ पर केवल कागजों पर आंकड़े भरकर कोरमपूर्ति की जा रही है।

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भूजल के अंधाधुंध दोहन से दिनों-दिन भूजल का स्तर नीचे जा रहा है और पानी की कमी होती जा रही है। स्थिति यह है कि लोगों को पीने तक का पानी नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में वर्षाजल को संग्रहित करने के लिए उसके संचय पर जोर दिया जा रहा। इसके लिए शासन ने बहुमंजिला इमारतों व सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगवाने का निर्देश दिया है। हालांकि शहर में इस पर अमल नहीं हो रहा। यह प्रक्रिया सिर्फ कागजों तक ही सीमित है। इलाके में बनने वाली बहुमंजिला इमारतों व हाउसिग कांप्लेक्स में रेन वाटर हार्वेस्टिग की व्यवस्था नहीं। वहीं अन्य तरह के मानकों की भी अनदेखी की जा रही है। बिना नक्शा पास कराए ही न जाने की कितनी इमारतें तन गईं। भूजल का भी खूब दोहन किया जा रहा है। पानी में खतरनाक रासायनिक तत्व भी पाए जा रहे हैं। इससे दिनोंदिन संकट बढ़ता जा रहा है। भूजल स्तर में सुधार है उद्देश्य

मकान व बड़ी इमारतों में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगाने के पीछे उद्देश्य गिरते भूजल स्तर को नियंत्रित करना है। दरअसल पक्की सड़कें और पक्के मकान बन जाने से बारिश का पानी सूखकर जमीन के अंदर पहुंच नहीं पाता है। इससे भूजल स्तर गिरता जा रहा है। यदि बरसात के पानी को मकान के नीचे टैंक में भरकर उसे रोका जाए तो इससे भूजल स्तर रिचार्ज होगा। इसका इस्तेमाल घरेलू कामकाज के लिए भी किया जा सकता है। वर्षा जल के संचयन को लेकर रेन हार्वेस्टिग सिस्टम का पहल होना बहुत जरूरी है। फिलहाल पिछले दिनों शासनादेश के क्रम में लघु सिचाई विभाग की ओर से शासन से जलस्तर को लेकर पत्र व्यवहार में यह बताया गया है कि जिन स्थानों पर वाटर लेवल तीन मीटर तक हो वहां रेन हार्वेस्टिग सिस्टम की कोई जरूरत नहीं। ऐसे में अभी जिले में इस पर विशेष ध्यान नहीं है। फिर भी भविष्य को देखते हुए नई इमारतों के लिए रेन हार्वेस्टिग सिस्टम को लगाने के निर्देश दिए गए हैं।

गौरव सिंह सोगरवाल, मुख्य विकास अधिकारी


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