महिलाएं हो रहीं आत्मनिर्भर, विकास की तरफ बढ़े कदम
कुछ ऐसी भी महिलाएं हैं जिन्होंने जिदगी की कठिनाइयों से लोहा लेते हुए सिर्फ खुद के लिए राह नहीं बनाई है। बल्कि बड़ी खामोशी से अपने जैसे अन्य महिलाओं के लिए मददगार और प्रेरणास्त्रोत बनी हैं।
महराजगंज: कुछ ऐसी भी महिलाएं हैं, जिन्होंने जिदगी की कठिनाइयों से लोहा लेते हुए सिर्फ खुद के लिए राह नहीं बनाई है। बल्कि बड़ी खामोशी से अपने जैसे अन्य महिलाओं के लिए मददगार और प्रेरणास्त्रोत बनी हैं। कुछ इसी राह पर चल रही हैं फरेंदा खुर्द के टीचर्स कालोनी निवासी आशा मौर्य। अपनी मेहनत व जज्बे से युवतियों व महिलाओं को ब्यूटीशियन, सिलाई- कढ़ाई सहित अन्य कार्यों का प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार से जोड़कर स्वावलंबी बनाने की दिशा में लगभग 10 वर्षों से अनवरत लगी हुई हैं। उनका मानना है कि रोजगार की ताकत से सभी परिस्थितियों से सहजता से निपटा जा सकता है। इसके लिए उन्होंने आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों की युवतियों को स्वरोजगार से जोड़ने का अभियान छेड़ा है। अधिकांश गरीब व असहाय महिलाओं को ब्यूटीशियन कोर्स में प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वावलंबी बना रहीं हैं।
अपने मिशन से आज वह 1600 से भी अधिक युवतियों व महिलाओं को रोजगारपरक बना चुकी हैं। साथ ही नारी सशक्तीकरण के प्रति युवतियों व महिलाओं को जागरूक भी कर रहीं हैं।
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यह महिलाएं हुईं आर्थिक रूप से सबल:
आशा मौर्य के प्रयास से नेहा, रोशनजहां, किरन यादव, शिल्पा यादव, पूजा, अमृता देवी, रेनू, अंजली, अंबालिका, राधा, मोना, संगीता सहित अन्य महिलाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त कर दूसरों को प्रशिक्षण दे रहीं हैं। साथ ही अपने परिवार का भरण-पोषण भी कर रहीं हैं।
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फोटो: 6 एमआरजे: 2
परिचय: आशा मौर्य
मनुष्य अपने भाग्य का निर्माता स्वयं है। महिलाओं को अबला की मानसिकता का परित्याग कर सबल जीवन जीने का संकल्प लेना होगा। महिलाओं को जीवन में आगे बढ़ने के लिए अब कई नए अवसर आ गए हैं। समय का लाभ सभी को लेना चाहिए।
आशा मौर्य