डाक्टर नदारद, फार्मासिस्ट के भरोसे अस्पताल
सरकार द्वारा गरीबों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने का दावे तो किए जाते हैं लेकिन कुछ जिम्मेदारों की लापरवाही से जरूरतमंद लोगों को सुविधाएं नहीं मिल पा रहीं हैं। सरकार के लाख चेतावनी के बाद भी चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों की मनमानी मरीजों पर भारी पड़ रही हैं।
महराजगंज: सरकार द्वारा गरीबों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने का दावे तो किए जाते हैं, लेकिन कुछ जिम्मेदारों की लापरवाही से जरूरतमंद लोगों को सुविधाएं नहीं मिल पा रहीं हैं। सरकार के लाख चेतावनी के बाद भी चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों की मनमानी मरीजों पर भारी पड़ रही हैं। कुछ इसी तरह का नजारा नया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पुरंदरपुर में शनिवार को दोपहर 1.20 बजे देखने को मिला। चिकित्सक डॉ. सैयद जीशान हासमी की कुर्सी खाली पड़ी थी। डाक्टर के अभाव में मरीज और तीमारदार इधर-उधर भटककर रहे थे। कुछ मरीज मजबूरी में फार्मासिस्ट से इलाज करा रहे थे। अस्पताल पर कोई जिम्मेदार मौजूद नहीं था। जिससे कुछ लोगों ने फार्मासिस्ट व स्वीपर से इलाज कराने के बजाए वापस लौटना ही बेहतर समझा। बताया गया कि यहां डा. जीशान हाशमी की तैनाती है, लेकिन आज अस्पताल पर नहीं आए हैं। वहीं शौचालय में गंदगी की भरमार थी। बेड पर कई महीनों से चादर बदले नहीं गए जिस पर गंदे व खून के धब्बे दिखाई दे रहे थे। वहीं मरीजों के बेड के बगल कमरे में कबाड़ रखा गया है, जहां जहरीले सर्प होने का भय बना रहता है। अस्पताल परिसर में इंडिया मार्क हैंडपंप भी खराब पड़ा है। अस्पताल की सफाई व्यवस्था बेहद खराब मिली। फार्मासिस्ट विनय पांडेय, वार्ड ब्वाय साजिद अली, स्वीपर बैठे मिले। प्रयोगशाला सहायक, नर्स, एएनएम मंजू देवी क्षेत्रीय भ्रमण पर रहीं। स्वास्थ्य कर्मियों की अनुपस्थिति में मरीज इधर-उधर परेशान नजर आए। डा. जीशान हाशमी का कहना है कि दो दिन लगातार सीएचसी पर इमरजेंसी सेवा दिया हूं। विभाग को इसकी सूचना देकर कहीं बाहर निकला हूं।