आरोग्य के देवता सूर्य की उपासना से मिलती है शांति
छह महापूजा की जोर-शोर से तैयारियां की जा रही हैं।
महराजगंज : छह महापूजा की जोर-शोर से तैयारियां की जा रही हैं। घाटों की सफाई व प्रकाश की व्यवस्था का कार्य चल रहा है। आरोग्य के देवता सूर्य की उपासना के लिए श्रद्धालु तन-मन से जुटे हुए हैं। छठ पूजा के लिए निष्ठा से लगी महिलाओं से जागरण ने आज बात की तो सभी ने कहा कि आरोग्य के देवता सूर्य की उपासना से निरोगी संतान की प्राप्ति होती है। प्रस्तुत है महिलाओं की जुबानी, छठ पूजा की महिमा की कहानी।
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सूर्य की उपासना से निरोगी होता शरीर
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परिचय- नीलू श्रीवास्तव
गृहिणी नीलू श्रीवास्तव ने कहा कि सूर्य की उपासना से शरीर निरोगी रहता है। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का निवास होता है। इसी कारण छठ पूजा को पूरे मनोयोग से मनाती हूं और एक सप्ताह पहले ही पूजा की सारी तैयारी कर लेती हूं। निरोगी रहने के लिए हर व्यक्ति को सूर्य की पूजा, आराधना करनी चाहिए।
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संतान की लंबी उम्र के लिए करती सूर्य की उपासना
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परिचय- संध्या पांडेय
गृहिणी संध्या पांडेय ने कहा कि संतान की लंबी उम्र के लिए पांच वर्ष से छठ पूजा कर रही है । जब से छठ पूजा शुरू की है तब से परिवार का कोई भी सदस्य बीमार नहीं पड़ा और परिवार के सदस्यों में प्रेम व भाईचारा बढ़ गया है। इस व्रत के करने से मन को अपार शांति मिलती है, जिसे शब्दों में बयां करना कठिन है।
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संतान की रक्षा के लिए करती छठ पूजा
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परिचय- प्रमिला मिश्र
गृहिणी प्रमिला मिश्र ने कहा कि संतान की रक्षा के लिए छठ पूजा करती हूं। इस पूजा में परिवार के सभी सदस्य सहयोग करते हैं। इस पूजा में धन भी कम खर्च होता है और परिवार में अमन-चैन कर वातावरण बढ़ता है। पुत्र ही नहीं पूरे परिवार को निरोगी बनाने के लिए हर महिला को छठ पूजा करनी चाहिए।
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पूरी हो जाती सभी मनोकामनाएं
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परिचय- वंदना पांडेय
गृहिणी वंदना पांडेय ने कहा कि छठ पूजा से सभी मनोकामनाएं पूरीं हो जातीं हैं। आरोग्य के देवता सूर्य की उपासना का महत्व महाभारत में विशेष रूप से बताया गया है। हमने पढ़ा है कि द्रोपदी ने भी छठ पूजा कर सूर्य देव को प्रसन्न किया था। द्रोपदी के पहले महारानी कुंती ने शादी के पहले सूर्य की उपासना की तो उन्हें कर्ण जैसे पुत्र की प्राप्ति हुई थी। हमारे धर्म ग्रंथों में सूर्य को आरोग्य का देवता अकारण ही नहीं बताया गया है। सूर्य की किरणों से आज भी तमाम तरह के रोग ठीक हो रहे हैं, इसकी पुष्टि विज्ञान ने भी कर दी है।
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