भौतिक व मानवीय संसाधनों की कमी को पूरा करेगी नई शिक्षा नीति
समाज के सहयोग के बिना समावेशी व समता मूलक समाज की कल्पना संभव नहीं
महराजगंज: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से शुक्रवार को तीसरे दिन भी वर्चुअल कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिला विद्यालय निरीक्षक अशोक कुमार सिंह की अध्यक्षता में आयोजित कार्यशाला में जिले भर के शिक्षकों ने जुड़कर शिक्षा नीति को समझने का प्रयास किया एवं अभिभावकों को समझाने का संकल्प भी लिया।
जिला विद्यालय निरीक्षक अशोक कुमार ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि विद्यालय समाज का दर्पण है। बिना विद्यालय व समाज के सहयोग से समावेशी व समता मूलक समाज की कल्पना नहीं की जा सकती। राष्ट्रीय नई शिक्षा नीति पुरातन समस्याओं के समाधान के लिए कटिबद्ध है। यह भौतिक व मानवीय संसाधनों की कमी को पूरा करेगी। आयोजित कार्यशाला में शिक्षक अमरेन्द्र शर्मा, विनोद सिंह, विनय,अजीत व देवेंद्र पांडेय आदि ने भी ग्रामीण क्षेत्र, अर्ध नगरीय क्षेत्र में स्कूल मैपिग, भौतिक,मानवीय संसाधन व शिक्षण पर वृहद रूप से प्रकाश डाला और उससे नई शिक्षा नीति की तुलना भी की गई। शिक्षकों ने कहा कि नई शिक्षा नीति-2020 वर्ष 1964-66 में शिक्षा आयोग द्वारा सुझाए गए सिफारिशों को दृढ़ता के साथ लागू करने के लिए संकल्पित है। जिसमें विद्यालयों के एकीकरण की बात की गई थी। आंगनबाड़ी से लेकर माध्यमिक विद्यालयों का समूहन किया जाएगा। ऐसे रचना में आंगनबाड़ी प्राथमिक व उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के साथ पांच से 10 किलोमीटर के क्षेत्र में एक माध्यमिक विद्यालय अवश्य होगा जो समूह में शामिल होगा।