मिट्टी के दीप जलाएं, उत्सव मनाएं
दीपावली श्रद्धा एवं भक्तिभाव से मनाने का पर्व है। दीपों का पर्व भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास पूरा कर अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है।
महराजगंज: दीपावली श्रद्धा एवं भक्तिभाव से मनाने का पर्व है। दीपों का पर्व भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास पूरा कर अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है। ऐसे में आइए इस पर्व की परंपरा को कायम रखते हुए मिट्टी के दीपों को जलाने और खुशियों के साथ दीपावली मनाने का संकल्प लें। दीपावली दीपों से जुड़ा पर्व है। यह पर्व स्वच्छता का संदेश भी देता है। जिस तरह हम दीपावली आने पर घर की गंदगी को साफ करते हैं, उसी तरह मन मस्तिष्क में फैली नकारात्मक विचारों को भी बाहर निकालें। भगवान राम जब अयोध्या लौटे थे तो लोग मिट्टी के दीये जलाएं थे, इसलिए मिट्टी के ही दीप जलाएं। प्राचार्य डा. उमेश यादव
------ दीपावली हमें खुशियों को आदान-प्रदान करने का मौका देती है। भगवान राम से जुड़े इस पर्व को उल्लास के साथ मनाएं। मिठाई बांटे और गैरों को भी खुशियों में शामिल करें। इस मौक पर जरूरतमंदों की जरूरतों को पूरा करते हुए खुशियां हासिल करें।
अनिल विश्वकर्मा
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दीपावली के पर्व को लेकर लोगों में उत्साह है। लेकिन इस दिन खतरनाक आतिशबाजी का प्रयोग न करें। विधि विधान से श्रीगणेश और लक्ष्मी का पूजन करें। मिट्टी के दीप जलाएं और एक-दूसरे को मिठाई वितरित कर खुशियों का इजहार करें। कमलेश चौधरी
----- दीपावली के दिन लक्ष्मी गणेश का विधि विधान से पूजन कर उत्साह के साथ पर्व को मनाएं। अपने आस-पास के गरीबों में भी दीप, फुलझड़ी और मिठाइयां बांटे। बच्चे अति उत्साह में कहीं कोई दुर्घटना न कर बैठे इस पर अभिभावक विशेष नजर रखें। जूही सिंह
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