पकड़ में नहीं आया तेंदुआ, ग्रामीणों में दहशत
पिजरा बदलने पर भी वनकर्मियों को नहीं मिली सफलता
जागरण संवाददाता, नौतनवा:
थानाक्षेत्र के सेमरहवा गांव में तेंदुए के हमले से बालक व बछड़े की हुई मौत व घायल महिला के मामले को एक सप्ताह बीत गए हैं। तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम लाख जतन कर रही है। प्रतिदिन जगह बदलकर पिजरे को लगाया जा रहा है और ड्रोन कैमरे से भी निगरानी रखी जा रही है, लेकिन अभी तक सफलता हाथ नहीं लगी है। इससे ग्रामीणों में दहशत बनी हुई है। गांव वाले यदि कहीं जा रहे हैं तो समूह में जा रहे हैं। प्रधान उपेंद्र यादव, प्रभावती राजभर, अफजल खान, श्रीचंद कनौजिया, राम बेलास साहनी, रजली राजभर, दुर्गेश यादव आदि ने बताया कि तेंदुए की दहशत से खेतों में फसल के कार्य पिछड़ जा रहे हैं। तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरों की संख्या और फोर्स बढ़ाई जानी चाहिए। है। तेंदुए के हमले का शिकार बालक छोटेलाल की दादी इरावती राजभर ने कहा कि जंगल किनारे उम्र गुजर गई, लेकिन ऐसी घटना गांव में नहीं घटी थी। जब तक तेंदुआ पकड़ा नहीं जाता, मन को सुकून नहीं मिलेगा। तेंदुए के हमले से घायल हुई तिलकी साहनी ने कहा कि एक सप्ताह का समय गुजर गया, लेकिन तेंदुआ पकड़ में नहीं आया है। तेंदुए से लोग भयभीत है।
उत्तरी चौक रेंज के वन क्षेत्राधिकारी मोहन सिंह ने बताया कि पिजरे की जगह को ग्रामीणों के अनुसार बदला जा रहा है और पेट्रोलिग भी तेज कर दी गई। इधर लगातार तेंदुआ के गांवों की तरफ आने और लोगों पर हमला बोलने से दहशत हो गई है। ग्रामीण सतर्क हैं।