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शोधकर्ताओं ने देखा मगरमच्छों का बसेरा

महराजगंज : टीएसए (टर्टल सर्वाइवल एलियांस) के निदेशक डा. शैलेंद्र सिंह व 18 अन्य अ‌िर्भ्यथयों समेत द

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Mar 2019 12:11 AM (IST)Updated: Sun, 17 Mar 2019 12:11 AM (IST)
शोधकर्ताओं ने देखा मगरमच्छों का बसेरा
शोधकर्ताओं ने देखा मगरमच्छों का बसेरा

महराजगंज : टीएसए (टर्टल सर्वाइवल एलियांस) के निदेशक डा. शैलेंद्र सिंह व 18 अन्य अ‌िर्भ्यथयों समेत दो डाक्टरों की टीम ने शनिवार को सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग के मगरमच्छों का बसेरा कहे जाने वाले र्दिजनिया ताल में पहुंचकर वहां पर मगरमच्छों की गतिविधि को अपने शोध में दर्ज किया। टीएसए के निदेशक डा. शैलेंद्र सिंह ने बताया कि वाटर वाइल्ड लाइफ के क्रम में अ‌िर्भ्यथयों को गंगा नदी में पाए जाने वाले डालफिन , मगरमच्छ ,घड़ियाल ,आक्टोपस सहित अन्य सैकड़ों प्राणियों के बारे में अध्ययन हेतु समय निर्धारण है । इसके लिए इनकी कार्यशाला पहले ही हो चुकी है। शोधकर्ताओं अ‌िर्भ्यथयों को सोहगीबरवा वन्यजीव प्रभाग के बारे में बताते हुए डीएफओ मनीष सिंह ने कहा कि सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग का सेंचुरी क्षेत्र जलीय प्राणियों के लिए अनुकूल है । यहां र्दिजनिया में मगरमच्छ तो नारायणी नदी में घड़ियालों की अधिकतम संख्या दर्ज की गई है। इस अवसर पर जीव वैज्ञानिक डा. गौरी मल्हाकुर ने मगरमच्छों के बारे में गहनता पूर्वक जानकारियां साझा की। इस अवसर पर डा. अरसद रहमानी , डा. संतोष जायसवाल , वन क्षेत्राधिकारी दयाशंकर त्रिपाठी ,वनदरोगा मार्कडेय पांडेय सहित अन्य वनकर्मी उपस्?थित रहे।

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