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नहर में पानी न आने से सिचाई का संकट

15 अक्टूबर से रबी फसल की बोआई हो जाती है शुरू

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Dec 2021 11:53 PM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 11:53 PM (IST)
नहर में पानी न आने से सिचाई का संकट

महराजगंज: तराई क्षेत्र में नहरों का जाल बिछा हैं, लेकिन समय से नहरों में पानी न आने से किसान परेशान हैं। रबी की फसल की सिचाई पूरी तरह बाधित हो रही है। साधन संपन्न किसान पंपिग सेट से सिचाई करने को मजबूर हैं। छोटे किसान नहरों के भरोसे हैं।

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रबी फसलों की बोआई हो चुकी है। आलू की भी बोआई का कार्य पूरा हो गया है। ऐसे में नहर में पानी न आने से किसान गेहूं की सिचाई के लिए परेशान हैं।

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फोटो: 6 एमआरजे: 3

गेहूं की बोआई हुए एक माह बीत गए। नहर में पानी न आने से मजबूरी में पंपिंग सेट से सिचाई करनी पड़ रही है। सिंचाई महंगी साबित हो रही है। इससे किसानों के सामने काफी दिक्कत है।

धर्मेंद्र पटेल, रुद्रापुर

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फोटो: 6 एमआरजे: 4

सरसों, गेहूं की बोआई किए एक माह हो गया, लेकिन नहर में पानी न आने से सिचाई पिछड़ रही हैं। पानी को लेकर समस्या बनी हुई है। किसान काफी चितित हैं।

रामाश्रय प्रजापति,बासपारनूतन

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गेहूं की बोआई किए एक माह से ऊपर हो गया। नहर में पानी न आने से मजबूरी में पंपिंग सेट से पानी चलाना पड़ रहा है। डीजल महंगा होने के कारण सिचाई की समस्या है।

चंद्रमौलि त्रिपाठी, गोड़धोवा

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पिपरपाती तिवारी गांव से नहर गुजरी है, लेकिन जब समय से पानी नहीं मिलने से बेकार साबित हो रही है। समय से सिचाई न होने से फसलों को नुकसान हो रहा है।

विनोद सिंह, पिपरपाती तिवारी

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अधिशासी अभियंता सिचाई खंड द्वितीय दुर्गेश गर्ग ने बताया कि सिंचाई कार्य प्रभावित न हो, विभाग का इस पर ध्यान है। देवरिया शाखा नहर में पानी शीघ्र उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। किसानों की समस्या शीघ्र दूर हो जाएगी।


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