खाद-बीज के मारे, किसान बेचारे
जिले में इस वर्ष डेढ़ लाख हेक्टेअर में गेहूं, 20 हजार हेक्टेअर में तिलहन व पांच हजार हेक्टेअर में दलहन की बोआई का लक्ष्य है। लक्ष्य के सापेक्ष जिले में गेहूं, सरसों, मटर व मसूर की फसल के लिए 16923 क्विंटल बीज और 23382 एमटी यूरिया, एनपीके व डीएपी की जरूरत है पर जरूरत के सापेक्ष खाद व बीज की उपलब्धता कम है।
महराजगंज : जिले में इस वर्ष डेढ़ लाख हेक्टेअर में गेहूं, 20 हजार हेक्टेअर में तिलहन व पांच हजार हेक्टेअर में दलहन की बोआई का लक्ष्य है। लक्ष्य के सापेक्ष जिले में गेहूं, सरसों, मटर व मसूर की फसल के लिए 16923 क्विंटल बीज और 23382 एमटी यूरिया, एनपीके व डीएपी की जरूरत है पर जरूरत के सापेक्ष खाद व बीज की उपलब्धता कम है। साधन सहकारी समितियां खाद से ड्राई चल रहीं हैं। इससे परेशान किसान शहर में स्थित इफको किसान सेवा केंद्र से खाद लेने को मजबूर हैं। भोर में चार बजे किसान कतार में लग जाते हैं और काफी मशक्कत के बाद पाते हैं। सुबह 10 बजे के बाद कतार में लगने वाले किसानों को निराश घर लौटना पड़ रहा है, क्योंकि उनका नंबर आने के पहले ही इफको केंद्र के बंद होने का समय हो जाता है। जिले में 16923 क्विंटल बीज के सापेक्ष अभी तक 7217 क्विंटल बीज और 23382 एमटी मांग के सापेक्ष अब तक 3609 एमटी यूरिया, एनपीके व डीएपी उपलब्ध हुई है। अगर समय रहते प्रशासन ने मांग के अनुसार खाद-बीज उपलब्ध नहीं कराए तो किसानों की समस्या बढ़ जाएगी और 22 नवंबर तक गेहूं की बोआई करने की मजबूरी में किसानों को पुराने बीजों का उपयोग करना पड़ सकता है। इससे पैदावार घटेगी और किसान के साथ ही देश का भी सकल उत्पादन घट जाएगा।
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मांग के सापेक्ष बीज की उपलब्धता
विभाग- क्विंटल में मांग - क्विंटल में उपलब्धता
कृषि-8957 --4517
सहकारिता-1800 --600
यूपी एग्रो-700-500
कृभको-1385-300
बीज निगम-2384-1000
इफको-1250-300
एनएससी-447-00
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मांग के सापेक्ष खाद की उपलब्धता
खाद- एमटी में मांग---एमटी में उपलब्धता
यूरिया- 13914--1168
डीएपी-6727-1366
एनपीके-2741-1075
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जिले की 61 साधन सहकारी समितियों पर 423 एमटी यूरिया, 1014 एमटी डीएपी व 74 एमटी एनपीके भेज दी गई है। इसी तरह इफको केंद्र पर 745 एमटी यूरिया, 352 एमटी डीएपी व 274 एमटी एनपीके और 7217 क्विंटल बीज उपलब्ध करा दिया गया है। शेष बचा खाद व बीज भी सप्ताह भीतर उपलब्ध करा दिया जाएगा।
सूर्य नारायण मिश्र
सहायक निबंधक सहकारिता