खेत में सूख रही धान के फसल, किसान मायूस
महराजगंज: मौसम की बेरुखी देख किसानों के बीच सूखे का भय हकीकत में तब्दील होता दिखाई दे रहा है। खेतो
महराजगंज: मौसम की बेरुखी देख किसानों के बीच सूखे का भय हकीकत में तब्दील होता दिखाई दे रहा है। खेतों में फटी दरार मानो उनका कलेजा फटने का एहसास करा रही है। इस समय धान की खेती में दरार देखकर किसान ऐसे रो पड़ते हैं , जैसे मानों उनके अरमान खाक हो रहे हों। 15 दिनों से बारिश न होने से किसानों के खेतों में लगे धान की फसल में पानी के अभाव में सूखने लगी हैं। शुरू में वर्षा होने से किसानों में उमंग व उल्लास था, लेकिन इधर वर्षा न होने से उनके खेतों मे दरारे पड़ना शुरू हो गई हैं , और धान के फसल मुरझाने लगी हैं। नीचे के खेतों में तो थोड़ा पानी भी है, लेकिन ऊंचे खेतों में पानी बिलकुल नहीं है। अगर दो-चार दिनों बारिश नहीं हुई तो वैसे फसल सूख जाएंगी । ऐसे में किसानों के दिन का चैन व रात की नींद गायब हो चुकी है। जिले के अस्सी फीसद लोग खेती-किसानी पर ही निर्भर रहते हैं। नौतनवा ब्लाक क्षेत्र में रोहिन नदी के बियर बैराज टूट जाने से नहरों में पानी नहीं जा रहा है, जिससे नौतनवा व लक्ष्मीपुर ब्लाक के 20 फीसद किसानों को छोड़कर 80 फीसद किसानों का कृषि कार्य इंद्रदेव पर ही निर्भर हैं। किसान गणेश, साबिर, धनेश, राकेश, मोलहू, मुराली, कमरुद्दीन, हासिम अली, लियाकत अली, गंगा सागर आदि लोगों का कहना है कि बारिश न होने से धान की फसल सूखने के कगार पर हैं। नहरों में पानी न होने व महंगे डीजल से फसल की ¨सचाई करना मुश्किल हो गई है।