34 साल बाद भी यहां तो ड्रेनेज सिस्टम ही नहीं
वर्ष 1986 में नगर पंचायत व 1987 में मिला था नगर पालिका का दर्जा
महराजगंज: नगर पालिका परिषद महराजगंज को नगर का दर्जा मिलने के 34 वर्षों में क्या-क्या नहीं बदला। गुजरते वक्त में पांच वर्ग किमी. क्षेत्र में बसा शहर 10 वर्ग किमी तक पहुंच गया। आबादी 15 हजार से बढ़कर 60 हजार तक पहुंच गई, इन सब में अगर कुछ नहीं बदला तो वह है जलनिकासी की व्यवस्था। पहले कच्ची नालियों के स्थान पर पक्की नालियां और नालों का निर्माण तो हुआ, कितु शहर का पानी बाहर कैसे निकले, इसके बारे में आजतक नगर पालिका ने कोई स्थायी उपाय नहीं किया। ड्रेनेज सिस्टम की कोइ व्यवस्था नहीं है। जलनिकासी की व्यवस्था जैसे तैसे चल रही है। यहां तक की नगर पालिका के 25 वार्डों में सफाई के लिए लगे कर्मियों के पास भी कोई वर्क प्रोजेक्ट नाम की चीज नहीं। चार गुना बढ़ गई आबादी, शहर में जम रहा पानी
महराजगंज: बदलते समय के साथ शहर में जलनिकासी के प्रति नगर पालिका प्रशासन ने कभी गंभीरता ही नहीं दिखाई। 1986 में नगर पंचायत व फिर एक वर्ष बाद 1987 में नगर पालिका का दर्जा मिलने के बाद से अबतक शहर की आबादी में चार गुना बढ़ोत्तरी हुई है। लेकिन आज भी शहर की नालियों से जलनिकासी की व्यवस्था सुदृढ़ न होने के कारण शहर का गंदा पानी शहर के खाली पड़े व नीचे स्थानों पर फैलकर समस्या पैदा किए हुए है। शहर से बाहर निकलने वाले बलिया नाले एवं मुख्यालय से सटे नवनिर्मित नाले से शहर की नालियों का न जुड़ा होना भी समस्या की बड़ी वजह है। शहर में नालों के निर्माण में पूर्व में ही कोई बेहतर डाईग्राम नहीं बना, जिसका परिणाम शहर की जनता को जलनिकासी की समस्या के रूप में देखने को मिल रहा है। शहर में सभी नालों को ड्रेनेज सिस्टम से जोड़ने के लिए 5.37 करोड़ का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।
कृष्णगोपाल जायसवाल, नगरपालिका अध्यक्ष, महराजगंज ड्रेनेज सिस्टम के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। शीघ्र ही शासन को इसे भेजकर स्वीकृत कराया जाएगा। स्वीकृति मिलते ही इस पर कार्य शुरू हो जाएगा। जिससे लोगों को जलनिकासी की समस्या से निजात मिलेगा।
आलोक कुमार सिंह, अधिशासीअभियंता, नगरपालिका परिषद महराजगंज