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मरीजों व तीमारदारों से हमदर्दी ने बढ़ाया कारोबार

शिव कुमार ने कोतवाली रोड पर वर्ष 1991 में शिव मेडिकल स्टोर नाम से दुकान खोला।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 12:30 AM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 05:12 AM (IST)
मरीजों व तीमारदारों से हमदर्दी ने बढ़ाया कारोबार

महराजगंज: यूं तो कोरोना काल में दवा का कारोबार बहुत हद तक प्रभावित नहीं हुआ व्यापार पटरी पर चलता रहा। लेकिन मरीजों व तीमारदारों से हमदर्दी ही इस कारोबार में और गति लाने में मददगार साबित हुआ। यह कहना है मेडिकल स्टोर संचालक शिव कुमार पटवा का।

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हमीदनगर निवासी शिव कुमार ने कोतवाली रोड पर वर्ष 1991 में शिव मेडिकल स्टोर नाम से दुकान खोला। तमाम उतार-चढ़ाव के बाद दुकान धीरे-धीरे गति करने लगा। तीन दशकों से मरीजों व तीमारदारों बीच उनके अच्छे रिश्ते बने। जिसका प्रतिफल कोरोना काल में भी मिला। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के शुरुआती कुछ दिनों में तो काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। मरीजों को भी दवा के लिए परेशान होना पड़ा था। उनके फोन करने पर किसी तरह से दवा उपलब्ध कराई जा रही थी। लेकिन बाद में जब प्रशासन के पास की सुविधा मिली तो काफी सहूलियत हुई। उन्होंने कहा कि दवा का व्यवसाय बहुत ही धैर्य और संवेदनशीलता से किया जाने वाला कारोबार है। इस दुकान पर पीड़ित व्यक्ति ही आते हैं। दवा देने में अगर तनिक भी चूक हुई तो काफी कुछ गड़बड़ हो सकता है। पीड़ितों के प्रति सहानुभूति होनी चाहिए। क्योंकि कब कौन व्यक्ति किस बीमारी की चपेट में आ जाए, कहा नहीं जा सकता है। बीमारी किसी से पूछकर नहीं आती है। मरीजों और तीमारदारों से मधुरवाणी ही उनकी आधी परेशानी को दूर कर देती है। इसलिए इस कारोबार में पीड़ित के प्रति आपकी हमदर्दी, मितव्ययिता और विश्वसनीयता बहुत जरूरी है। कोरोना के इस विषम परिस्थिति में भी लोगों को निर्धारित दाम पर ही दवा, सैनिटाइजर आदि उपलब्ध कराई गई। दवा का हर रेंज रखने के कारण ग्राहक इधर-उधर नहीं भटकते है, उसे सभी दवा एक दुकान पर मिल जाती है। इससे ग्राहक जुड़े भी रहते हैं। उन्होंने कहा कि मेडिकल स्टोर पर कोरोना से बचाव के उपाय के लिए हर इंतजाम किया गया है। लाकडाउन में भी उपलब्ध कराई दवा

कोरोना वायरस के चलते लंबे समय तक रहे लाकडाउन में भी मरीजों को दवा उपलब्ध कराई गई। शिव कुमार पास बनवाकर गोरखपुर से दवा मंगवाते थे और उसके बाद जरूरत के मुताबिक मरीजों और तीमारदारों को उपलब्ध कराते थे। उन्होंने कहा कि प्रशासन से पास बन जाने से दवा मंगाने और जरूरतमंदों को उपलब्ध कराने में किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होती थी। भोर में ही गोरखपुर निकल जाते थे और दवा खरीदकर महराजगंज लौट आते थे। कई बार तो मरीज घर तक दवा लेने पहुंच जाते थे, जिन्हें सामान्य दवाएं उपलब्ध कराई जाती थी।

पेमेंट के लिए आनलाइन व्यवस्था

ग्राहकों के भुगतान के लिए यहां आनलाइन पेमेंट की व्यवस्था की है। ग्राहक स्वैप मशीन, गूगल पे से अपने दवा का भुगतान आसानी से कर देते हैं। जो दवा का नगद भुगतान करना चाहते हैं, उनसे नगद धनराशि प्राप्त की जाती है। मुसीबत में दिया साथ तो मजबूत होते गए रिश्ते

कोरोना काल के दौर में दवा कारोबारी शिव कुमार ने अपने सामाजिक दायित्वों का बखूबी निर्वहन किया। लोगों के मुसीबत में भी काम आए। अपने कर्मचारियों को नहीं निकला और उनके सुख-दुख में खड़े रहे। दवा विक्रेता समिति से जुड़कर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जरूरतमंदों को लंच पैकेट, मास्क और सैनिटाइजर भी वितरित करने का काम किया है। इस कार्य से काफी संख्या में लोग इनसे जुड़ते भी गए और रिश्ते भी मजबूत होते गए। यही लोग अब उनके व्यापार की सफलता की मूल कड़ी बने हुए हैं।

प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवा की रही डिमांड

कोरोना काल के दौरान प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवा की खास डिमांड रही। अधिक से अधिक लोग इसकी ही खरीदारी कर रहे थे। दवा कारोबारी शिव कुमार बताते हैं कि हर तरफ उद्योग धंधे बंद होने और लोगों के काम छूटने के कारण नियमित दवा खाने वाले मरीज भी पूरी कोर्स की दवा की बजाय एक-एक सप्ताह की दवा ले जा रहे थे। लेकिन अब धीरे-धीरे सब कुछ बदल रहा है। कारोबार गति पकड़ रहा है। हर तरह के लोग खरीदारी के लिए आ रहे हैं।


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