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जल संचयन के प्रहरी बने डा. संजय

मिठौरा ब्लाक के ग्राम सभा बरोहिया में मत्स्य डाक्टर संजय कुमार श्रीवास्तव करीब ढाई दशक से अनवरत 19 तालाबों के माध्यम से जल संरक्षण में प्रकृति का सहयोग करते चले आ रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Jul 2019 10:52 PM (IST)Updated: Sat, 13 Jul 2019 10:52 PM (IST)
जल संचयन के प्रहरी बने डा. संजय

महराजगंज: मिठौरा ब्लाक के ग्राम सभा बरोहिया में मत्स्य डाक्टर संजय कुमार श्रीवास्तव करीब ढाई दशक से अनवरत 19 तालाबों के माध्यम से जल संरक्षण में प्रकृति का सहयोग करते चले आ रहे हैं। वर्तमान परिवेश में जहां एक तरफ खिसकता जलस्तर लोगों के लिए जनसमस्या बना हुआ है, वहीं दूसरी तरफ जल संचय के प्रहरी की भूमिका निभाने वाले डाक्टर संजय का यह योगदान मिशाल कायम करने वाला है।

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मूलत: मिठौरा ब्लाक के ग्राम सभा जगदौर निवासी बृजभूषण लाल श्रीवास्तव के पुत्र डाक्टर संजय कुमार श्रीवास्तव मत्स्य पालन विज्ञान में पीएचडी हैं। इन्होंने वर्ष 1990 में ग्राम सभा से सटे निचलौल मुख्यालय मार्ग पर ग्राम बरोहिया में स्थित कुल 14 एकड़ भूमि में 19 तालाब खोदवा रखे हैं। इन तालाबों में बारहों माह पानी भरा रहता है। साथ ही बारिश के पानी के संचय के लिए आस-पास के खाली भूमियों से नालियां भी बनाई गई है, जिससे पानी तालाबों में आ सके। डा. संजय श्रीवास्तव ने कहा कि प्राचीन काल में जल को एक अनमोल संपदा के रूप में देखा और समझा जाता था। वास्तव में हर प्राचीन संस्कृति पानी को पवित्र संसाधन के रूप में देखती थी, परंतु बीसवीं सदी में औद्योगिक क्रांति के उदय और उसके फलस्वरूप पश्चिमी भौतिकवाद के आगमन ने प्राकृतिक साधनों को देखने का ²ष्टिकोण ही गैर पारंपरिक बना दिया है। अगर समय रहते जल संचयन के प्रति सभी नहीं चेते, तो भविष्य में इसके गंभीर संकट से जूझना पड़ेगा।


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