वातावरण स्वच्छ और मिट्टी भी रहेगी स्वस्थ
एक तरफ चोरी-चुपके खेतों में धान फसल के अवशेष को जलाने की कोशिश हुई। सख्ती के बाद भी कई किसानों के खेतों में पराली जलाई जाती रही और आग की लपटें निकलती रही।
संतकबीर नगर: एक तरफ चोरी-चुपके खेतों में धान फसल के अवशेष को जलाने की कोशिश हुई। सख्ती के बाद भी कई किसानों के खेतों में पराली जलाई जाती रही और आग की लपटें निकलती रही। वहीं दूसरी तरफ प्रधान व पंचायत सचिवों के सहयोग से विभिन्न ब्लाकों के बीडीओ ने 45.38 मीट्रिक टन(एमटी)पराली गो-आश्रय स्थलों में भेजे हैं। सुप्रीम कोर्ट व राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण(एनजीटी) के सख्ती के बीच इन्होंने गो-आश्रय स्थलों में रहने वाले बेसहारा पशुओं को चारा के रुप में पराली भेजकर अच्छी पहल की है। बीडीओ सौरभ कुमार पाण्डेय ने प्रधान व पंचायत सचिव के सहयोग से पराली को मशीन से छोटे-छोटे आकार में कटवाया। इसके बाद इसे खलीलाबाद ब्लाक के दलेलगंज, बिसरापार, अइचाकाट, कोल्हुआ गांव स्थित अस्थायी गो-संरक्षण केंद्र में चारा के रुप में छोटे-छोटे कटे हुए पराली को भेजे हैं। यहां के बेसहारा इसे चाव से खा भी रहे हैं। इसी तरह जिले के अन्य ब्लाकों के बीडीओ ने भी यह पहल की है।