सड़क पर उतरे गन्ना किसान, किया रोड जाम
महराजगंज : जे.एच.वी. मिल प्रबंधन पर गन्ना किसानों का बकाया भुगतान कराने को लेकर अनिश्चित कालीन ह
महराजगंज :
जे.एच.वी. मिल प्रबंधन पर गन्ना किसानों का बकाया भुगतान कराने को लेकर अनिश्चित कालीन हड़ताल पर बैठे कांग्रेस नेता तथा सैकड़ों किसानों ने सोमवार अपराहन एक घंटे तक निचलौल ठूठीबारी मुख्य मार्ग जाम कर दिया। जाम समाप्त कराने के लिए प्रशासन के आदेश पर पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा। अनशनकारी कांग्रेस नेता राजू कुमार गुप्ता का कहना है कि प्रशासन मिल प्रबंधन का खुलेआम मदद करते हुए डंडे का भय दिखाकर अनिश्चित कालीन हड़ताल को बंद कराना चाहता है। पेराई सत्र 2014-15 का जे.एच.वी. मिल पर गन्ना किसानों का 50 करोड़ से अधिक का बकाया भुगतान कराने को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ व अन्य पिछड़ा वर्ग के जिलाध्यक्ष राजू कुमार गुप्ता प्रशासन को पूर्व दिये गये अल्टीमेटम के क्रम में रविवार से गन्ना किसानों के साथ अनिश्चित कालीन धरना दे रहे हैं। इसके पूर्व बकाया भुगतान को लेकर गुप्ता द्वारा दो बार मिल गेट पर धरना दिया जा चुका है। अपराहन करीब 1:30 बजे अनशनकारियों संग सैकड़ों किसानों ने निचलौल ठूठीबारी मुख्य मार्ग को जाम कर दिया। आवागमन ठप होने से निचलौल से ठूठीबारी तथा ठूठीबारी से निचलौल की तरफ आने जाने वाले वाहनों की लम्बी कतार लग गई तथा एक घंटे तक मार्ग जाम रहा सूचना पर पहुंचे उपजिलाधिकारी जितेन्द्र कुमार कुशवाहा पुलिस क्षेत्राधिकारी राजपाल ¨सह, कोतवाल ठूठीबारी टी.पी. श्रीवास्तव तथा एस.एच.ओ. निचलौल विक्रम विरेन्द्र ¨सह मय फोर्स अनशन स्थल मिल गेट पहुंच कर जाम समाप्त करने की कोशिश किया तथा जाम कर रहे लोगों को समझाया बुझाया। जाम समाप्त न करने के निर्णय से क्षुब्ध प्रशासन ने जाम कर्ताओं पर हल्का बल प्रयोग किया। जिससे भीड़ तितर बितर हो गई। एस.डी.एम. ने अनशन समाप्त करने के लिए गुप्ता को समझाया भी, लेकिन उनके द्वारा न मानने पर अनशन स्थल पर डाले गये टेंट को उजाड़ दिया गया तथा अनशनकारी के वाहन को मय ड्राइवर पुलिस कोतवाली ठूठीबारी ले गई।
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इनसेट
डंडे के भय पर अनशन तुड़वाने की कोशिश
गड़ौरा बाजार, महराजगंज :
रविवार से अनिश्चित कालीन धरने पर बैठे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजू कुमार गुप्ता ने कहा है कि डंडे का भय दिखा कर प्रशासन उनके अनशन को तोड़ना चाहता है। अनशनकारी को कहना है कि प्रशासन व मिल प्रबंधन का आपस में साठगांठ हैं। जिसका प्रभाव भोले भाली गन्ना किसानों को भुगतना पड़ रहा है। मजबूर किसान को गांधीवादी तरीके से अपनी बात कहने पर उत्पीड़न किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशासन के दमनात्मक रवैये से वे डरने वाले नहीं हैं।