एससी/एसटी एक्ट पर युवा संसद में उठी आवाज, लगी अनूठी पाठशाला
दैनिक जागरण यूथ पार्लियामेंट का शीतकालीन सत्र शुरू। होटल बेबियन इन, इंदिरा नगर में युवा सांसदों ने की चर्चा।
लखनऊ, जेएनएन । अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम के पक्ष और विपक्ष में उठीं आवाजों के साथ दैनिक जागरण 'यूथ पार्लियामेंट' के शीतकालीन सत्र की शुरुआत हुई। होटल बेबियन इन, इंदिरा नगर में शनिवार को आयोजित युवा संसद में युवा सांसदों ने गरमागरम बहस की। शीतकालीन सत्र आठ जनवरी तक चलेगा।
चार युवा सांसदों ने शीतकालीन सत्र के मुद्दों पर जिक्र के साथ कार्यवाही शुरू की। इनमें स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट और जनसंख्या नियंत्रण बिल आदि शामिल थे। मानसून सत्र में हुईं गतिविधियों के बारे में भी बताया गया। इसके बाद सामाजिक न्याय एवं सशक्तीकरण मंत्रालय, भारत सरकार के मंत्री आयुष जायसवाल ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) बिल पेश किया। पक्ष की नेता शुभ्रा ने कहा कि बिल को दो हिस्सों में बांटा जाना चाहिए। पहला ये कि गंभीर अपराध के लिए जमानत नहीं मिलनी चाहिए। दूसरा ये कि कम गंभीर अपराध में पहले जांच होनी चाहिए। उसके बाद ही एफआइआर दर्ज हो। जमानत मिलने का भी नियम होना चाहिए। विपक्ष के नेता असद ने कहा कि हर जगह के लिए एक समान कानून होना चाहिए। ज्योति ने कहा कि इसके तहत फर्जी शिकायतें बहुत दर्ज की जाती हैं। इन पर रोक के लिए सख्त कानून होना चाहिए। साथ ही जांच के लिए तय समय निर्धारित किया जाना चाहिए। वामाक्षी रस्तोगी ने कहा कि फर्जी शिकायत पर जांच से किसी की व्यक्तिगत और व्यवसायिक छवि को बेहद नुकसान होता है। फर्जी शिकायत करने वालों पर भी कानून का शिकंजा कसा जाना चाहिए।
चर्चा के दौरान बताई गईं एक्ट से जुड़ीं कुछ बातें
मूल कानून में धारा 18 जोड़ी जाएगी, जिसके तहत पुराने कानून को बहाल कर दिया जाएगा।
एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज होने पर तुरंत गिरफ्तारी का प्रावधान बरकरार रहेगा।
आरोपी को अग्रिम जमानत नहीं मिलेगी। हाईकोर्ट से ही नियमत जमानत मिल सकेगी।
चर्चा में रही सक्रिय भागीदारी
- पक्ष में : त्रियंबकम, दिव्यांशु, शुब्रा, आयुष जैसवाल
- विपक्ष में : असद अली, पूजा अहूजा, सत्यम
लोकतंत्र की अनूठी पाठशाला
युवा संसद में टफ एंड होप की प्रोग्राम एसोसिएट पौषाली सरकार ने युवाओं को लोकतांत्रिक व्यवस्था के बारे में भी समझाया। राष्ट्रीय महिला आयोग के बारे में भी बताया गया। साथ ही मिनिस्ट्री ऑफ फायनेंस के लिए दोबारा चुनाव भी हुआ।
जागरण का अनूठा प्रयास
सोमनाथ ने कहा कि यूथ पार्लियामेंट के जरिए हम लोकतांत्रिक व्यवस्था को बेहतर तरीके से समझने लगे हैं। फैज अहमद ने कहा कि ये विचारों की विविधता का बेहतर मंच है। एक जागरूक नागरिक होने के नाते भी हमें अपनी लोकतांत्रिक व्यवस्था को बेहतर तरीके से समझना चाहिए। आयुष ने कहा कि युवा देश का भविष्य हैं। इस तरह केआयोजन एक जिम्मेदार नागरिक बनने की ओर प्रेरित करते हैं। शिवम सिंह ने कहा कि ये जागरण का अनूठा प्रयास है, जो बताता है कि ये वाकई पत्र ही नहीं, मित्र भी है। राघव दुनेजा ने कहा कि जब हम औरों के सामने अपना मत रखते हैं और उनकी बातें सुनते हैं, तो वैचारिक रूप से और समृद्ध होते हैं। जागरण ने बेहतर मंच दिया है।