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यूपी में 31 अक्टूबर को धूमधाम से वाल्मीकि जयंती मनाएगी योगी सरकार, मंदिरों में होगा रामायण का पाठ

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य के सभी जिलों में 31 अक्टूबर को महर्षि वाल्मीकि की जयंती भव्य रूप में मनाने का निर्णय लिया है। उपचुनाव वाले जिलों को छोड़कर प्रदेश भर में आयोजन के संबंध में बुधवार को मुख्य सचिव आरके तिवारी ने दिशा निर्देश जारी कर दिए।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 02:00 PM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 02:00 PM (IST)
यूपी में 31 अक्टूबर को धूमधाम से वाल्मीकि जयंती मनाएगी योगी सरकार, मंदिरों में होगा रामायण का पाठ
यूपी सरकार ने सभी जिलों में 31 अक्टूबर को महर्षि वाल्मीकि की जयंती मनाने का निर्णय लिया है।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। हाथरस कांड के सहारे विपक्षी दल दलित और भाजपा सरकार के बीच फासला बनाने को प्रयासरत हैं, वहीं योगी सरकार ने इस समाज से जुड़ाव के लिए भावनाओं की बड़ी डोर बढ़ाई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 31 अक्टूबर को प्रदेश भर में धूमधाम से वाल्मीकि जयंती मनाने का फैसला लिया है। सभी जिलों में वाल्मीकि रामायण का पाठ भी कराया जाएगा। उपचुनाव वाले जिलों को छोड़कर प्रदेश भर में आयोजन के संबंध में बुधवार को मुख्य सचिव आरके तिवारी ने दिशा निर्देश जारी कर दिए।

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मुख्य सचिव ने बताया कि महर्षि वाल्मीकि विश्व के आदि कवि हैं, जिन्होंने विश्व प्रसिद्ध कालजयी कृति रामायण महाकाव्य की रचना श्रीराम के जीवनकाल में की। महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण सामाजिक मूल्यों, मानव मूल्यों एवं राष्ट्र मूल्यों की स्थापना का आदर्श है। महर्षि वाल्मीकि द्वारा वर्णित स्थल जिन्हें राम-जानकी मार्ग, राम वन-गमन मार्ग आदि के रूप में जाना जाता है, सम्पूर्ण भारत वर्ष में लगभग 280 स्थलों के रूप में आज भी विद्यमान हैं। उत्तर प्रदेश में राम-जानकी मार्ग तथा राम वन-गमन मार्ग के अन्तर्गत अनेक स्थल विद्यमान हैं, जहां भारतीय संस्कृति के मूल तत्व एवं मान्यतायें सुरक्षित हैं।

मुख्य सचिव आरके तिवारी ने बताया कि वाल्मीकि रामायण में निहित मानव मूल्यों, सामाजिक मूल्यों व राष्ट्र मूल्यों के व्यापक प्रचार-प्रसार व जनमानस को इससे जोड़ने के लिये महर्षि वाल्मीकि से सम्बन्धित स्थलों, मन्दिरों आदि पर दीप प्रज्ज्वलन, दीप दान के साथ-साथ अनवरत 8, 12 अथवा 24 घंटे का वाल्मीकि रामायण का पाठ किए जाने का कार्यक्रम निर्धारित किया गया है। श्री राम, हनुमान और रामायण से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण स्थलों, मंदिरों का चयन करते हुए वहां सुरुचिपूर्ण आयोजन के साथ रामायण पाठ/भजन आदि के कार्यक्रम कराए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि इन कार्यक्रमों के आयोजन के लिए स्थानीय स्तर पर विभिन्न सांस्कृतिक दलों, कलाकारों का चयन संस्कृति विभाग एवं सूचना विभाग द्वारा किया जाएगा, जिसका समन्वय जिला प्रशासन द्वारा किया जाएगा। जिले स्तर पर चयनित मंदिरों, स्थलों पर आयोजित कार्यक्रमों में जिलाधिकारी कोविड-19 के लिए शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों व गाइडलाइन का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराएंगे। शारीरिक दूरी का पूर्ण पालन करते हुये इस भव्य एवं दिव्य आयोजन में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की व्यापक, उचित भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी।

मुख्य सचिव आरके तिवारी ने बताया कि प्रदेश के सभी जिलाधिकारी जिला स्तरीय विभिन्न विभागों के समन्वय के माध्यम से संबंधित अधिकारियों को निर्देशित कर इस कार्यक्रम को भव्यता के साथ कराएंगे। प्रत्येक जिले के जिलाधिकारी उक्त आयोजन के लिए अपने जिले में एक नोडल अधिकारी नामित करेंगे, जिनका नाम, मोबाइल नम्बर एवं ई-मेल आईडी संस्कृति विभाग के नामित नोडल अधिकारी के ई-मेल आईडी पर प्रेषित किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश स्तर पर इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक कराने और सभी प्रकार के समन्वय के लिए संस्कृति विभाग के संयुक्त निदेशक डाॅ. योगेन्द्र प्रताप सिंह को नोडल अधिकारी नामित किया गया है।


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