योगी सरकार ने बुजुर्गों को दी सौगात, वृद्धावस्था पेंशन में प्रतिमाह सौ रुपये की वृद्धि
अब वृद्धावस्था पेंशन योजना में 60 वर्ष से 79 वर्ष की आयु के लाभार्थियों को प्रतिमाह चार सौ रुपये की जगह पांच सौ रुपये मिलेंगे।
लखनऊ, जेएनएन। योगी सरकार ने बुजुर्गों पर मेहरबानी दिखाई है। वृद्धावस्था पेंशन में हर माह सौ रुपये की बढ़ोतरी करते हुए उन्हें सौगात दी है। अब वृद्धावस्था पेंशन योजना में 60 वर्ष से 79 वर्ष की आयु के लाभार्थियों को प्रतिमाह चार सौ रुपये की जगह पांच सौ रुपये मिलेंगे। यह व्यवस्था एक जनवरी, 2019 से ही लागू होगी।
मंगलवार को लोकभवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में संपन्न हुई कैबिनेट की बैठक में कुल छह प्रस्तावों को मंजूरी मिली। राज्य सरकार के प्रवक्ता व मंत्री श्रीकांत शर्मा और सिद्धार्थ नाथ सिंह ने पत्रकारों को फैसले की जानकारी दी। इस वर्ग में अभी तक 41 लाख लाभार्थी थे। चार लाख 21 हजार नए अभ्यर्थियों की स्वीकृति मिल चुकी है, जबकि सात लाख से अधिक प्रक्रियाधीन हैं। इस तरह योजना में करीब 52 लाख वृद्धों को पेंशन का लाभ मिलेगा।
अभी तक वृद्धावस्था पेंशन योजना में दो सौ रुपये राज्य सरकार और दो सौ रुपये केंद्र सरकार की हिस्सेदारी होती थी। अब हर लाभार्थी पर होने वाले सौ रुपये का व्यय राज्य सरकार वहन करेगी। मतबल, राज्य सरकार का अंश अब तीन सौ रुपये होगा। इस वृद्धि से राज्य सरकार पर वित्तीय वर्ष 2018-19 में तीन माह के लिए राज्यांश के रूप में 106.84 करोड़ रुपये एवं वित्तीय वर्ष 2019-2020 में लगभग 840 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय भार आएगा। 80 वर्ष व इससे ऊपर आयु वर्ग के वृद्धों को पहले से ही पांच सौ रुपये पेंशन दी जा रही है।
रायबरेली में एम्स निर्माण के लिए ध्वस्त होंगे 76 जर्जर भवन
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), रायबरेली का निर्माण किया जाना है। इसके लिए निर्धारित भूमि पर 76 आवासीय भवन जर्जर हो गये हैं। कैबिनेट ने इन जर्जर भवनों के ध्वस्तीकरण के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी। रायबरेली प्रशासन ने टाइप-एक के 47 और टाइप-तीन के 29 जर्जर भवन भारत सरकार को हस्तगत किये हैं। भवनों के ध्वस्तीकरण के फलस्वरूप 150.67 लाख रुपये की धनराशि को बट्टे खाते में डाला जाएगा। प्रदेश की जनता को उच्च स्तरीय सुविधा उपलब्ध कराये जाने के इरादे से भारत सरकार ने रायबरेली में एम्स की स्थापना का निर्णय लिया था। इसके लिए नंदगंज सिरोही शुगर मिल की 97.69 एकड़ भूमि केंद्र सरकार को 27 जुलाई, 2013 को ट्रांसफर की जा चुकी है। एम्स, रायबरेली में फेज-एक का कार्य पूरा करते हुए 13 अगस्त, 2018 से स्टार्टअप ओपीडी प्रारंभ की जा चुकी है। स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि फेज-दो में हॉस्पिटल तथा मेडिकल कालेज का निर्माण होना है। यह कार्य प्रगति पर है और अप्रैल, 2020 तक यह पूरा हो जाएगा।
वित्तीय स्वीकृतियों का कैबिनेट को दिया ब्यौरा
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2018-19 में जारी वित्तीय स्वीकृतियों का ब्यौरा कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत किया गया। कैबिनेट ने इस स्वीकृति पर अपनी मुहर लगा दी है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में नौ औद्योगिक आस्थान एवं पांच मिनी औद्योगिक आस्थानों के उच्चीकरण के लिए सात करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है। जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केंद्रों के आधुनिकीकरण के लिए वित्तीय वर्ष 2018-19 में प्रदेश के पांच जिलों आगरा, बरेली, सहारनपुर, आजमगढ़ और गाजियाबाद के लिए कुल चार करोड़ रुपये की धनराशि दी गई है। इसी प्रकार जनवरी, 2018 से प्रारंभ एक जिला-एक उत्पाद योजना में करीब 15 करोड़ रुपये जारी किये गये हैं। उत्तर प्रदेश निर्यात अवस्थापना विकास योजना में 2018-19 में पांच करोड़ रुपये की स्वीकृति हुई है। इसके अलावा केंद्र सरकार की सूक्ष्म, लघु एवं उद्यम क्लस्टर विकास योजना में दस करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है।
पीजीआइ में सीनियर रेजीडेंट डाक्टरों की भर्ती की उम्र दो वर्ष बढ़ी
सरकार ने संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ में सीनियर रेजीडेंट डाक्टरों के पद पर नियुक्ति के लिए अधिकतम आयु सीमा बढ़ाने का फैसला किया है। कैबिनेट ने इस पर मुहर लगा दी है। अभी तक अधिकतम आयु सीमा 35 वर्ष थी जिसे बढ़ाकर 37 वर्ष किया गया है। इसके लिए संस्थान की प्रथम विनियमावली-2011 के नियमों में संशोधन किया गया है। अब भारत सरकार की रेजीडेंसी स्कीम के तहत सीनियर रेजीडेंट के पद पर नियुक्ति के लिए अधिकतम आयु सीमा 37 वर्ष होगी। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों के अभ्यर्थियों के मामले में आयु सीमा में पांच वर्ष की वृद्धि होगी। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली के अनुसार अन्य श्रेणियों पर छूट लागू होगी। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने छह फरवरी, 2018 को केंद्र सरकार के अधीन अस्पतालों में सीनियर रेजीडेंट के पद पर नियुक्ति के लिए अधिकतम आयु सीमा 37 वर्ष निर्धारित की है। एम्स, दिल्ली की व्यवस्था के ही अनुरूप पीजीआइ का संचालन होता है।
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