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योगी सरकार 2.0 एजेंडा 100 दिन का : उद्योगों के विकास के लिए बनेगी नई एमएसएमई नीति

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बुलाई गई सभी विभागों की बैठक में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने सौ दिन की समग्र कार्ययोजना का खाका प्रस्तुत किया है। विभिन्न विभागों की योजनाओं के समन्वित कुल दस सेक्टर चिन्हित किए गए हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 06 Apr 2022 09:21 PM (IST)Updated: Wed, 06 Apr 2022 09:21 PM (IST)
योगी सरकार 2.0 एजेंडा 100 दिन का : उद्योगों के विकास के लिए बनेगी नई एमएसएमई नीति
यूपी में संशोधित होगी फार्मास्युटिकल मैन्यूफैक्चरिंग नीति (2018)।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। पहले कार्यकाल में उद्योगों के विकास पर खास जोर देने वाली योगी सरकार ने इस बार भी इसे प्राथमिकता पर रखा है। मिशन मोड पर काम करने के लिए बनाई गई अगले सौ दिन की कार्ययोजना में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास को अलग सेक्टर के रूप में चिन्हित किया है।

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इसमें सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) सहित अन्य संबंधित विभाग शामिल हैं। अभी कार्ययोजना को जो खाका खींचा है, उसमें नई एमएसएमई नीति और मेडिकल डिवाइस पार्क को बढ़ाना देने के लिए फार्मास्युटिकल मैन्यूफैक्चरिंग नीति (2018) में संशोधन जैसे प्रस्ताव शामिल हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गत दिवस बुलाई गई सभी विभागों की बैठक में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने सौ दिन की समग्र कार्ययोजना का खाका प्रस्तुत किया। विभिन्न विभागों की योजनाओं के समन्वित कुल दस सेक्टर चिन्हित किए गए हैं, जिनमें अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग काफी महत्वपूर्ण है।

इसमें अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग, एमएसएमई, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग, खादी एवं ग्रामोद्योग, आइटी एवं इलेक्ट्रानिक्स भी शामिल हैं। सभी विभागों ने अपनी-अपनी ओर से वह बिंदु इस कार्ययोजना में शामिल कराए हैं, जिन पर वह अगले सौ दिन में काम करेंगे।

मुख्यमंत्री के सामने इनका प्रस्तुतीकरण हो चुका है और अब जल्द ही इस सेक्टर का अलग से प्रस्तुतीकरण योगी देखेंगे। फिलहाल जो रूपरेखा बनी है, उसमें प्रस्ताव रखा गया है कि निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए अटल औद्योगिक अवस्थापना मिशन की शुरुआत की जाएगी। कोरोना काल के दौरान चिकित्सा उपकरणों का संकट देख चुकी सरकार इस क्षेत्र में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाना चाहती है।

इसके लिए मेडिकल डिवाइस पार्क विकसित करने की योजना है। पार्क में स्थापित होने वाली इकाइयों को विशेष प्रोत्साहन और लाभ दिलाने के लिए फार्मास्यूटिक मैन्यूफैक्चरिंग नीति (2018) का संशोधन किया जाएगा। इसी तरह प्रदेश से निर्यात को बढ़ाने में सहायक रहे एमएसएमई सेक्टर को और बढ़ावा देने की योजना है। इसके लिए नई एमएसएमई नीति बनाई जाएगी।

एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना का सरलीकरण किया जाएगा। पांच सामान्य सुविधा केंद्रों का उद्घाटन कर 15 नए स्वीकृत किए जाने का लक्ष्य है। हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग नई उप्र हैंडलूम, पावरलूम, सिल्क, टेक्सटाइल एवं गारमेंटिंग पालिसी- 2022 बनाएगा।

तीसरी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी की तैयारी : सौ दिन के लक्ष्य में तीसरी ग्राउंड बेकिंग सेरेमनी भी शामिल है। पहले कार्यकाल में आए निवेश को जमीन पर उतारते हुए और औद्योगिक इकाइयों का शिलान्यास इस कार्यक्रम में कराने के साथ नया निवेश आकर्षित किया जाएगा। इसके अलावा सौवें दिन एमएसएमई विभाग द्वारा ऋण मेला भी आयोजित किया जाएगा।

बनेंगे ये नए एप और पोर्टल

  • उत्तर प्रदेश पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय महायोजना पोर्टल का शुभारंभ
  • उद्यम सारथी एप को और व्यावहारिक बनाकर सभी महाविद्यालयों और तकनीकी संस्थानों तक पहुंचाया जाएगा।
  • उद्योग संबंधी सभी जिला स्तरीय कार्यालयों में आवेदनों और शिकायतों के निस्तारण के लिए आनलाइन प्रक्रिया शुरू होगी।
  • उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन निदेशालय में ई-आफिस की शुरुआत।
  • निर्यात संबंधी सभी जानकारियां एक ही प्लेटफार्म पर उपलब्ध कराने के लिए निर्यात सारथी एप बनेगा।

अगले सौ दिन के यह भी लक्ष्य

  • बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के मुख्य कैरिजवे का शुभारंभ।
  • बलिया लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण की शुरुआत।
  • एक्सप्रेसवे के किनारे औद्योगिक कारिडोर बनाने के लिए औद्योगिक विनिर्माण क्लस्टर्स का चिन्हीकरण।
  • विश्वकर्मा श्रम सम्मान, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार और ओडीओपी योजना के तहत 50 हजार परंपरागत लाभार्थियों व कारीगरों को प्रशिक्षण।
  • मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना में परियोजना लागत को 25 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये किया जाएगा।
  • खादी बोर्ड की विभिन्न योजनाओं में स्वरोजगार की योजना में 4500 लाभार्थियों को लाभान्वित किया जाएगा।

अलग-अलग शहरों को मिलेंगे उपहार

  • सूरजपुर में फ्लैटेड फैक्ट्री का शुभारंभ।
  • नोएडा में 470 करोड़ रुपये की लगभग 12 औद्योगिक परियोजनाएं पूरी की जाएंगी।
  • गोरखपुर में प्लास्टिक पार्क और फ्लैट फैक्ट्री परिसर की स्वीकृति।
  • ग्रेटर नोएडा में दस सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों की शुरुआत।
  • आगरा और कानपुर में फ्लैटेड फैक्ट्री का शिलान्यास।
  • अलीगढ़ में नए लघु औद्योगिक क्षेत्र का शिलान्यास।
  • फर्रुखाबाद और तालकटोरा लखनऊ में अवस्थापना सुधार की शुरुआत।
  • संत कबीरनगर और चंदौली में क्लस्टर विकास योजना के तहत सामान्य सुविधा केंद्रों का शिलान्यास।
  • मऊ स्थित कताई मिल का अधिग्रहण कर औद्योगिक क्षेत्र का निर्माण।
  • कानपुर लेदर पार्क का शिलान्यास।
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