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डेयरी के माध्यम से महिलाओं को रोजगार से जोड़ेगी योगी सरकार, यूपी में महिला सामर्थ्य योजना पर कैबिनेट ने लगाई मुहर

UP Cabinet Decision उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार महिलाओं को डेयरी के माध्यम से रोजगार से जोड़ने जा रही है। महिलाएं दूध और दूध से बने उत्पादों के प्लांट संचालित करेंगी। कैबिनेट ने गुरुवार को बाई सर्कुलेशन महिला सामर्थ्य योजना पर मुहर लगा दिया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 29 Oct 2021 01:06 AM (IST)Updated: Fri, 29 Oct 2021 05:11 PM (IST)
डेयरी के माध्यम से महिलाओं को रोजगार से जोड़ेगी योगी सरकार, यूपी में महिला सामर्थ्य योजना पर कैबिनेट ने लगाई मुहर
यूपी कैबिनेट ने बाई सर्कुलेशन महिला सामर्थ्य योजना पर मुहर लगा दिया है।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार महिलाओं को डेयरी के माध्यम से रोजगार से जोड़ने जा रही है। महिलाएं दूध और दूध से बने उत्पादों के प्लांट संचालित करेंगी। कैबिनेट ने गुरुवार को बाई सर्कुलेशन महिला सामर्थ्य योजना पर मुहर लगा दिया है। जल्द ही यह विशेष योजना लागू होगी, सरकार इस वर्ष 200 करोड़ रुपये खर्च करेगी और करीब एक लाख से अधिक महिलाओं को रोजगार मिलेगा।

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असल में, बुंदेलखंड क्षेत्र में महिलाएं बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनियां सफलतापूर्वक चला रही हैं। प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी डेयरी विकास की अपार संभावनाएं हैं। सरकार ने महिला स्वामित्व वाली मिल्क प्रोड्यूसर कंपनियों के गठन के लिए 2021-22 में महिला सामर्थ्य योजना शुरू कर रही है। विशेष योजना को संचालित करने का जिम्मा उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन को सौंपा गया है। आजीविका मिशन के निदेशक भानुचंद गोस्वामी ने बताया कि इस योजना पर 200 करोड़ रुपये खर्च करके महिला स्वामित्व वाली मिल्क प्रोड्यूसर कंपनियों का गठन किया जाएगा और दूध संग्रहण केंद्र खोले जाएंगे।

गोस्वामी ने बताया कि प्रदेश के जिलों को तीन समूहों में बांटा गया है। पहले समूह में रायबरेली, सुलतानपुर, अमेठी, दूसरे में गोरखपुर, देवरिया, महराजगंज व कुशीनगर जबकि तीसरे समूह में बरेली, सीतापुर पीलीभीत, लखीमपुर खीरी व रामपुर को रखा गया है। यह भी तैयारी है कि इनके अलावा आसपास के जिलों को भी शामिल किया जा सकता है। अगले दो वर्ष में योजना के तहत चिन्हित 12 जिलों में समूह बनाए जाएंगे साथ ही निकट के जिलों में तीन मिल्क प्रोड्यूसर कंपनियां गठित की जाएंगी।

इन कंपनियों के गठन के प्रोत्साहन के लिए नियम निर्देश तय हो चुके हैं। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के साथ मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी गठित करने के लिए अनुबंध कराया जाएगा। महिलाओं को डेयरी प्लांट के संचालन के साथ दूध से मशीनों के जरिए मक्खन, दही, छाछ, घी सहित अन्य उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

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