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भ्रष्टाचारियों के खिलाफ एक्शन में योगी सरकार, SIT ने 114 जांचों को पूरा कर दोषियों पर कसा शिकंजा

भ्रष्टाचार व वित्तीय अनियमितता के गंभीर मामलों में एसआइटी ने दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की है। यूपी सरकार की जीरो टालरेंस की नीति के तहत कदम बढ़ाते हुए जांच एजेंसी ने बीते साढ़े चार वर्ष में सर्वाधिक 114 जांचें पूरी कर आरोपितों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 26 Nov 2021 08:02 PM (IST)Updated: Sat, 27 Nov 2021 07:01 AM (IST)
यूपी में भ्रष्टाचार के गंभीर मामलों में विशेष अनुसंधान दल ने दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की है।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। भ्रष्टाचार व वित्तीय अनियमितता के गंभीर मामलों में विशेष अनुसंधान दल (एसआइटी) ने दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की जीरो टालरेंस की नीति के तहत कदम बढ़ाते हुए जांच एजेंसी ने बीते साढ़े चार वर्ष में सर्वाधिक 114 जांचें पूरी कर आरोपितों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की है। सपा शासनकाल में हुए बहचर्चित जलनिगम भर्ती घोटाले में एसआइटी ने पूर्व मंत्री व रामपुर के सांसद आजम खां व तत्कालीन कई अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की है। सोनभद्र के उभ्भा कांड, सहारनपुर के टपरी स्थित शराब फैक्ट्री में आबकारी अधिकारियों की मिलीभगत से करोड़ों की कर चोरी व ऐसे अन्य गंभीर मामलों में भी एसआइटी ने आरोपितों पर शिकंजा कसा।

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अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी के अनुसार एसआइटी को वर्तमान शासनकाल में 116 जांच और विवेचनाएं प्रदान की गई हैं। इनमें वर्ष 2017 में 30, वर्ष 2018 में 14, वर्ष 2019 में 49, वर्ष 2020 में 40 तथा वर्ष 2021 में अगस्त माह तक 36 जांच व विवेचनाएं प्रदान की गईं। एसआइटी ने इस अवधि में 114 जांचों का निस्तारण कर आरोपितों के विरुद्ध कार्रवाई की है।

टपरी शराब फैक्ट्री मामले में एसआइटी अब तक 11 आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। इसके अलावा रामपुर स्थित मु. अली जौहर प्रशिक्षण संस्थान जौहर विश्वविद्यालय की जांच, उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम के 137 निर्माण कार्यों में अनियमितता की जांच, उत्तर प्रदेश सहकारी संस्थागत सेवा मंडल द्वारा की गई भर्तियों में अनियमितता की जांच, 17 मंडलों में पशुधन प्रसार अधिकारी के पद पर भर्ती में अनियमितता की जांच, उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा भर्ती प्रक्रिया में की गई अनियमितता व ऐसे अन्य महत्वपूर्ण मामलों में एसआइटी ने रिकार्ड समय में जांचें पूरी की हैं।

इसके अलावा एसआइटी वर्तमान में आगरा विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्री के मामले, उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग के अधिकारियों द्वारा अवैध वसूली के मामले, गोंडा के 28 महाविद्यालयों में अनियमितताओं, समाज कल्याण विभाग द्वारा छात्रवृत्ति में अनियमितता, हज हाउस में निर्माण संबंधी अनियमितता, आजमगढ़ व मीरजापुर के मदरसों में अनियमितता, मुरादनगर (गाजियाबाद) में श्मशान के निर्माण कार्य में धांधली, कानपुर में शस्त्र लाइसेंसों में अनियमितता व सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा कर प्लाटिंग किए जाने समेत अन्य कई गंभीर मामलों की छानबीन कर रही है।


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