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Global Investors Summit: दुनिया भर के निवेशकों के लिए यूपी में खुलेगा रियायतों का पिटारा, बदलेंगी सभी औद्योगिक नीतियां

Global Investors Summit उत्तर प्रदेश सरकार जनवरी में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट आयोजित करने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसमें दस लाख करोड़ रुपये का निवेश लाने का लक्ष्य निर्धारित किया है ताकि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डालर तक पहुंचाया जा सके।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 18 Aug 2022 12:00 AM (IST)Updated: Thu, 18 Aug 2022 07:12 AM (IST)
Global Investors Summit: दुनिया भर के निवेशकों के लिए यूपी में खुलेगा रियायतों का पिटारा, बदलेंगी सभी औद्योगिक नीतियां
Global Investors Summit: ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को लक्ष्य बनाकर मुख्यमंत्री ने दिया निर्देश।

Global Investors Summit: लखनऊ, राज्य ब्यूरो। उत्तर प्रदेश में निवेशकों के लिए आकर्षण का नया 'रेड कारपेट' योगी सरकार बिछाने जा रही है। दुनिया भर के निवेशक उत्तर प्रदेश की ओर आकर्षित हों, इसके लिए सरकार रियायतों का बड़ा पिटारा खोलने जा रही है। इसके लिए प्रदेश के लगभग सभी औद्योगिक नीतियों में संशोधन कर महत्वपूर्ण बदलाव करने का निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया है।

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उत्तर प्रदेश सरकार जनवरी में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट आयोजित करने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसमें दस लाख करोड़ रुपये का निवेश लाने का लक्ष्य निर्धारित किया है, ताकि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डालर तक पहुंचाया जा सके।

विश्वस्तरीय आयोजन के लिए रूपरेखा बनाकर काम शुरू कर दिया गया है। इस आयोजन के लिए सिंगापुर ने फर्स्ट कंट्री पार्टनर बनने का प्रस्ताव यूपी सरकार को सौंपा है। अब प्रयास यह है कि अधिक से अधिक देशों के उद्यमी यहां निवेश निवेश के लिए आकर्षित हों।

इसके लिए विश्व के लगभग एक दर्जन देशों सहित भारत के प्रमुख शहरों में रोड शो की योजना बनाई है। मंत्रियों और अधिकारियों के समूह बनाए जा रहे हैं, जो विभिन्न देशों और शहरों में जाकर उत्तर प्रदेश में मजबूत हुए औद्योगिक माहौल की ब्रांडिंग करेंगे।

वह बताएंगे कि निवेश के लिए यूपी कैसे अन्य जगह से बेहतर साबित हो सकता है। सरकार यह लगातार प्रचारित करती रही है कि 2017 के बाद से औद्योगिक नीतियों में कई बदलाव किए गए। निवेश मित्र पोर्टल बनाकर उद्यमियों को सिंगल विंडो सिस्टम दिया गया।

उसी का परिणाम है कि ईज आफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग में उत्तर प्रदेश 14वें से बढ़कर सीधे दूसरे स्थान पर पहुंच गया। अब चूंकि लक्ष्य दस लाख करोड़ रुपये का है, इसलिए सरकार ने इसके लिए नए सिरे से रणनीति तय की है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी औद्योगिक नीतियों में आवश्यकता अनुसार संशोधन करने का निर्देश दिया है। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी के अनुसार मुख्यमंत्री ने यह प्रक्रिया जल्द पूरी करने के लिए कहा है।

सरकार का प्रयास यही है कि नीतियों को ऐसा बनाया जाए, जिसमें उद्यमियों को अधिक से अधिक राहत मिल सके और वह यूपी में निवेश के लिए आकर्षित हों।

मंगलवार को ही कैबिनेट की बैठक में सरकार ने उत्तर प्रदेश रक्षा एवं एयरोस्पेस इकाई एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति (यथासंशोधित)- 2018 में संशोधन कर पूंजी अनुदान को दस और 15 करोड़ से बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये तक कर दिया है।

सूत्रों के अनुसार इसी प्रकार के महत्वपूर्ण बदलाव अन्य नीतियों में भी किए जाने हैं। मसलन, एमएसएमई नीति में संशोधन कर महिला उद्यमियों को प्रदेश में कहीं भी औद्योगिक भूमि खरीदने पर स्टांप शुल्क पर शत-प्रतिशत छूट दिया जाना भी प्रस्तावित है।

ये हैं प्रमुख औद्योगिक नीतियां

  • उप्र औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2017
  • उप्र निजी औद्योगिक पार्क योजना-2017
  • उप्र खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति- 2017
  • उप्र हैंडलूम पावरलूम सिल्क टेक्सटाइल एंड गारमेंट्स पालिसी-2017
  • उप्र सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम नीति
  • उप्र फार्मा उद्योग नीति-2018
  • उप्र वेयरहाउसिंग लाजिस्टिक्स पालिसी-2018
  • उप्र इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग मोबिलिटी पालिसी-2019
  • उप्र इलेक्ट्रानिक्स मैन्युफैक्चरिंग पालिसी-2020
  • उप्र स्टार्टअप पालिसी-2020
  • उप्र डाटा सेंटर पालिसी-2021

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