UP Cabinet Decision: योगी सरकार कर फैसला, अब दो वर्ष से पहले व दो तिहाई बहुमत बिना नहीं हट सकेंगे जिपं अध्यक्ष
UP Cabinet Decision योगी आदित्यनाथ कैबिनेट ने अखिलेश राज में पारित विधेयक को वापस लिया है। वहीं सरकार ने उप्र क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत अधिनियम 1961 की धारा-15 और 18 में संशोधन करने का भी फैसला किया है।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। UP Cabinet Decision ब्लाक प्रमुखों और जिला पंचायत अध्यक्षों को हटाने के लिए अब उनके विरुद्ध दो वर्ष से पहले अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता है। अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए दो-तिहाई बहुमत भी जरूरी होगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में सरकार ने इसके लिए उप्र क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत अधिनियम, 1961 की धारा-15 और 18 में संशोधन करने का निर्णय किया है। इसके साथ ही कैबिनेट ने अखिलेश सरकार के कार्यकाल में विधानमंडल से पारित हुए उप्र क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत (संशोधन) विधेयक-2016 को वापस लेने का निर्णय भी किया है।
मूल अधिनियम में ब्लाक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष को हटाने के लिए उनके विरुद्ध एक वर्ष के बाद सामान्य बहुमत से अविश्वास प्रस्ताव पारित किये जाने की व्यवस्था थी। अखिलेश सरकार ने इस व्यवस्था में बदलाव करते हुए मार्च 2016 में उप्र क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत (संशोधन) विधेयक-2016 के ड्राफ्ट को मंजूरी दी थी।
इसमें ब्लाक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष को हटाने के लिए उनके खिलाफ दो वर्ष बाद दो-तिहाई बहुमत से प्रस्ताव पारित कराने का प्रविधान किया गया था। इसमें यह भी व्यवस्था की गई थी कि यदि यह अविश्वास प्रस्ताव गिर जाए तो दूसरा अविश्वास प्रस्ताव अगले दो वर्ष से पहले नहीं लाया जा सकता है।
अखिलेश सरकार ने इस विधेयक को विधानमंडल से पारित कराने के बाद राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा था। तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक ने विधेयक को मंजूरी नहीं दी थी। लिहाजा योगी सरकार ने इस विधेयक को वापस लेने का निर्णय किया है।