UP Cabinet Decision: अब विधायक निधि से महानुभावों के नाम पर बन सकेंगे द्वार, शासन से नहीं लेनी होगी अनुमति
Yogi Cabinet Decision उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि अब विधानमंडल के सदस्य अपने विवेक से विशिष्ट व्यक्तियों राष्ट्रीय स्तर के ख्याति प्राप्त राजनेताओं व स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के सम्मान में गेटों/द्वारों का निर्माण करा सकेंगे। इसके लिए उन्हें अनुमोदन नहीं लेना पड़ेगा
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। अब विधानमंडल के सदस्य विधायक निधि से विशिष्ट व्यक्तियों, राष्ट्रीय स्तर के ख्याति प्राप्त राजनेताओं व स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के सम्मान में गेटों/द्वारों का निर्माण करा सकेंगे। इसके लिए उन्हें शासन से अनुमति नहीं लेनी होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट ने नौ जून 2005 के शासनादेश में संशोधन पर मुहर लगा दिया है।
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि अब विधानमंडल के सदस्य अपने विवेक से विशिष्ट व्यक्तियों, राष्ट्रीय स्तर के ख्याति प्राप्त राजनेताओं व स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के सम्मान में गेटों/द्वारों का निर्माण करा सकेंगे। इसके लिए उन्हें अनुमोदन नहीं लेना पड़ेगा। मौर्य से शासनादेश में संशोधन के लिए विधानमंडल के कई सदस्यों ने अनुरोध किया था। उपमुख्यमंत्री ने इस पर संबंधित विभागों से चर्चा और गहन विचार विमर्श किया और ग्राम्य विकास विभाग से इसके लिए प्रस्ताव तैयार कराया। जिसका अनुमोदन कैबिनेट ने कर दिया है। उप मुख्यमंत्री मौर्य ने कहा कि इस निर्णय से राज्य सरकार पर कोई अतिरिक्त व्यय भार नहीं पड़ेगा।
वहीं, इस निर्णय से गेट/द्वार के निर्माण के दौरान आम लोगों को रोजगार सृजन का लाभ भी मिल सकेगा। बता दें कि हाल ही में योगी आदित्यनाथ सरकार ने विधायकों की निधि तीन करोड़ से बढ़ाकर पांच करोड़ की थी। यूपी में अब विधायक सांसद के बराबर विकास कार्य करवा सकते हैं। सरकार के इस फैसले का पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी स्वागत किया था। उन्होंने सभी के प्रति आभार प्रकट किया था। अखिलेश यादव ने कहा कि सभी सदस्य चाहते थे कि विधायक निधि बढ़ जाए और नेता सदन ने सदस्यों के मन की बात मान ली। उन्होंने नेता सदन समेत सभी के प्रति आभार जताया था।