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गोरखपुर में लाइट मेट्रो चलाने का रास्ता साफ, महानगर घोषित करने का प्रस्ताव कैबिनेट से पास; जानें- अन्य फैसले

उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर में लाइट मेट्रो के संचालन का रास्ता साफ कर दिया है। कैबिनेट ने मेट्रो संचालन में आड़े आ रही वैधानिक बाधा को दूर करते हुए गोरखपुर को मेट्रोपोलिटन (महानगर) घोषित करने का प्रस्ताव पास कर दिया।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sat, 20 Nov 2021 08:55 AM (IST)Updated: Sat, 20 Nov 2021 09:01 AM (IST)
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर में लाइट मेट्रो के संचालन का रास्ता साफ हो गया है।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर में लाइट मेट्रो के संचालन का रास्ता साफ कर दिया है। कैबिनेट ने शुक्रवार को मेट्रो संचालन में आड़े आ रही वैधानिक बाधा को दूर करते हुए गोरखपुर को मेट्रोपोलिटन (महानगर) घोषित करने का प्रस्ताव पास कर दिया। गोरखपुर नगर निगम के आस-पास के कई क्षेत्रों को जोड़कर महानगर क्षेत्र घोषित किया जाएगा।

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उत्तर प्रदेश सरकार गोरखपुर में लाइट रेल ट्रांजिट परियोजना के तहत तीन कोच वाली लाइट मेट्रो चलाना चाहती है, लेकिन कम आबादी के कारण यह शहर उस दायरे में नहीं आ पा रहा था। इसके लिए शहर को मेट्रोपोलिटन सिटी होना जरूरी होता है। चूंकि 10 लाख की आबादी वाले शहरों को ही मेट्रोपोलिटन सिटी (महानगर) का दर्जा मिलता है। इसके बगैर केंद्र सरकार से मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए अंशदान भी नहीं मिलता है। इसलिए सरकार ने गोरखपुर नगर निगम, पिपराइच नगर पंचायत व सटे हुए चार विकास खंडों को लेकर गोरखपुर को महानगर बनाने का प्रस्ताव पास कर दिया है। नगर विकास विभाग के इस प्रस्ताव को शुक्रवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के माध्यम से मंजूरी दी गई।

दरअसल, बड़ी परियोजनाओं के मामले में केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय की तरफ से वित्तीय मंजूरी देने के लिए अधिकृत किए गए पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड (पीआइबी) गठित है। सूत्रों के अनुसार पीआइबी की आगामी बैठक 22 नवंबर को होनी है। इसमें गोरखपुर की लाइट मेट्रो का प्रस्ताव भी रखा जाना है। ऐसे में सरकार इसकी औपचारिकता पूरी करने में जुट गई है। उम्मीद है कि शनिवार को ही गोरखपुर को महानगर क्षेत्र घोषित करने की अधिसूचना जारी हो जाएगी।

पेट्रोल-डीजल पर वैट घटाने को कैबिनेट ने दी मंजूरी : पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी लाने के लिए उन पर वैट की दरें घटाने के लिए राज्य सरकार ने बीती चार नवंबर को जो अधिसूचना जारी की थी, कैबिनेट ने शुक्रवार को उस पर मुहर लगा दी है। केंद्र सरकार ने बीती तीन नवंबर को पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती करने की घोषणा की थी। केंद्र की इस घोषणा के बाद राज्य सरकार ने पांच नवंबर को पेट्रोल पर वैट की दर को 26.8 प्रतिशत से घटाकर 19.36 प्रतिशत और डीजल पर 17.48 प्रतिशत से घटाकर 17.08 प्रतिशत करने की अधिसूचना जारी की थी। इन दोनों ईंधनों की कीमतें घटने से सरकार को राजस्व का ज्यादा नुकसान न हो, इसलिए अधिसूचना में पेट्रोल से न्यूनतम 14.85 रुपये व डीजल से 10.41 रुपये प्रति लीटर की कमाई सुनिश्चित करने का भी उल्लेख किया गया था। अधिसूचना जारी होने के बाद प्रदेश में पेट्रोल व डीजल की कीमतों में 12-12 रुपये प्रति लीटर की कमी आई है।

कृषि विज्ञान केंद्र सोनभद्र को मिलेगी मुफ्त भूमि : कृषि विज्ञान केंद्र सोनभद्र को मुफ्त भूमि मिलने का रास्ता साफ हो गया है। कैबिनेट ने निश्शुल्क भूमि हस्तांतरण को मंजूरी दे दी है। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय अयोध्या के तहत संचालित कृषि विज्ञान केंद्र सोनभद्र को राजकीय कृषि प्रक्षेत्र मंगुराही राबट््र्सगंज की भूमि निश्शुल्क हस्तांतरित की जाएगी। अपर मुख्य सचिव कृषि डा. देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि सरकार ने कृषि विभाग के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है।

वाराणसी में बौद्ध मंदिर व गेस्ट हाउस के लिए भूटान सरकार को मिलेगी जमीन : भूटान सरकार को वाराणसी में बौद्ध मंदिर व गेस्ट हाउस के निर्माण के लिए मुफ्त में दो एकड़ जमीन लीज पर दी जाएगी। योगी सरकार ने यह फैसला किया है। पर्यटन विभाग के इस प्रस्ताव को शुक्रवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूरी दे दी गई है। भूटान सरकार ने केंद्र सरकार के माध्यम से वाराणसी में बौद्ध मंदिर और गेस्ट हाउस बनाने के लिए जमीन आवंटित करने का प्रस्ताव दिया था। केंद्र सरकार के विदेश मंत्रालय की ओर से इस बारे में अनापत्ति दिये जाने के बाद पर्यटन विभाग की ओर से भूटान सरकार को दो एकड़ जमीन आवंटित करने का प्रस्ताव पेश किया गया था जिसे कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूरी दे दी गई। भूटान सरकार को वाराणसी में यह जमीन पिंड्रा के पास आवंटित की जाएगी। जमीन 30-30 वर्षों की लीज पर दी जाएगी जिसकी अधिकतम समयसीमा 90 वर्ष होगी।


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