जातियों में बांटना खुद की मजबूती के लिए समाज कमजोर करने की साजिश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कुछ लोग स्वार्थ में समाज को जातियों में बांटने में लगे हैं। यह खुद मजबूती के लिए समाज कमजोर करने की साजिश है।
लखनऊ (जेएनएन)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कुछ लोग अपने स्वार्थ में समाज को जातियों में बांटने में लगे हैं। यह खुद की मजबूती के लिए समाज को कमजोर करने की साजिश है। लोगों को सच बताने और विराट समाज से जोड़ने की जरूरत है। उन्होंने महाराणा प्रताप को स्वदेश, स्वधर्म और स्वाभिमान की प्रतिमूर्ति बताया। योगी गुरुवार को पत्रिका अवध प्रहरी के युवा शौर्य विशेषांक के विमोचन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। पत्रिका महाराणा प्रताप के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर केंद्रित है।
महाराणा प्रताप समाज जोड़ने की मिसाल
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज को कैसे जोड़ते हैं, महाराणा प्रताप इसकी मिसाल हैं। उनका जज्बा वर्तमान परिस्थितियों में और भी प्रासंगिक है। हल्दी घाटी की जीत या हार महत्वपूर्ण नहीं है। उससे महत्वपूर्ण है हल्दी घाटी और उसके बाद अरावली की पहाडिय़ों व जंगलों में देश की आन-बान और स्वाभिमान के लिए जो लंबा संघर्ष चला उसमें प्रताप के साथ कौन थे। वही वनवासी जिनको हम आज वंचित तबके का मानते हैं। इस तबके में आज भी देश प्रेम का जज्बा कूट-कूट कर भरा है।
अतीत की नींव पर ही बनती भविष्य की इमारत
मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य की इमारत अतीत के नींव पर बनती है। गौरवशाली अतीत आगे बढऩे की प्रेरणा देता है। जरूरत इस बात की है कि हम लोगों को महाराणा प्रताप, शिवाजी, गुरु गोविंद सिंह जैसे लोगों के कृतित्व और व्यक्तित्व की सही जानकारी दें। समाज के सामने इनको बतौर नजीर पेश करें। इस बाबत पत्रिका का यह प्रयास सराहनीय है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नरेंद्र ठाकुर ने कहा कि पत्रिका के विशेषांक में प्रताप के अनछुए पहलुओं का जिक्र है। उम्मीद है कि यह समाज को जागरूक करने में सफल रहेगी। अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के अध्यक्ष बृजलाल ने मौजूदा समय में देश के प्रति प्रताप के जज्बे और जुनून को और प्रासंगिक बताया। उद्यमी समीर त्रिपाठी ने आभार जताया। संचालन नरेंद्र भदौरिया ने किया। कार्यक्रम में पत्रिका के संपादक शिवबली विश्वकर्मा, प्रबंध संपादक दिवाकर अवस्थी, अवध प्रांत के प्रचार प्रमुख अशोक दूबे, सहप्रांत प्रचार प्रमुख लोकनाथ, संयोजक प्रणय विक्रम सिंह के अलावा संघ और सहयोगी संगठनों के प्रमुख पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद थे।