Move to Jagran APP

योगी आदित्यनाथ सरकार असंगठित श्रमिकों को जल्द देगी पांच लाख तक कैशलेस इलाज की सुविधा

Yogi Adityanath Government 2.0 उत्तर प्रदेश सामाजिक सुरक्षा बोर्ड पंजीकृत श्रमिकों को कैशलेस इलाज की सुविधा स्टेट एजेंसी कांप्रिहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (सांचीज) के माध्यम से मुहैया कराएगा। श्रम विभाग ने इसे अपनी 100 दिन की कार्ययोजना में शामिल किया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 05 Apr 2022 09:53 AM (IST)Updated: Tue, 05 Apr 2022 02:37 PM (IST)
योगी आदित्यनाथ सरकार असंगठित श्रमिकों को जल्द देगी पांच लाख तक कैशलेस इलाज की सुविधा
Yogi Adityanath Government 2.0: मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना

लखनऊ, जेएनएन। कोरोना संक्रमण काल के कठिन समय में करोड़ों मजदूरों तथा कामगारों के साथ खड़ी प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अब उनको एक और बड़ी सुविधा देने जा रही है। सरकार प्रदेश में असंगठित क्षेत्र के करोड़ों पंजीकृत मजदूरों को मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत पांच लाख रुपये की कैशलेस इलाज की सुविधा मुहैया कराएगी। श्रम विभाग ने इसे अपनी 100 दिन की कार्ययोजना में शामिल किया है।

loksabha election banner

आयुष्मान योजना से छूटे असंगठित क्षेत्र के उन मजदूरों को जो उत्तर प्रदेश राज्य सामाजिक सुरक्षा बोर्ड में पंजीकृत हैं, पांच लाख रुपये तक के कैशलेस इलाज की सुविधा मुहैया कराने के लिए पिछली योगी आदित्यनाथ सरकार ने मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना शुरू करने का फैसला किया था। इस बारे में बीते वर्ष 20 अक्टूबर को श्रम विभाग की ओर से शासनादेश जारी किया गया था। उत्तर प्रदेश राज्य सामाजिक सुरक्षा बोर्ड के पोर्टल पर 79 लाख श्रमिक पंजीकृत हैं।

उत्तर प्रदेश सामाजिक सुरक्षा बोर्ड पंजीकृत श्रमिकों को कैशलेस इलाज की सुविधा स्टेट एजेंसी कांप्रिहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (सांचीज) के माध्यम से मुहैया कराएगा। इसके लिए सांचीज के साथ अनुबंध हो चुका है। बोर्ड सांचीज को प्रीमियम के तौर पर प्रति श्रमिक 1102 रुपये की दर से प्रीमियम का भुगतान करेगा।

मनरेगा मजदूरों के मानदेय में बढ़ोतरी : केन्द्र सरकार ने वर्ष 2022-23 के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) श्रमिकों की मजदूरी की राज्यवार दरें निर्धारित कर दी हैं। उत्तर प्रदेश में मनरेगा श्रमिकों की मजदूरी में चालू वित्तीय वर्ष में नौ रुपये की वृद्धि की गई है। मनरेगा के तहत काम करने वाले श्रमिकों को अब 213 रुपये मजदूरी मिलेगी। उन्हें अभी तक 204 रुपये मिलते थे। उत्तर प्रदेश में मनरेगा के 1.36 करोड़ जाबकार्ड धारक हैं। प्रदेश में मनरेगा मजदूरों की मजदूरी में इस वर्ष के लिए नौ रुपये की बढ़ोतरी की गई है। अपर आयुक्त मनरेगा योगेश कुमार ने बताया कि इस समय करीब ढाई से तीन लाख मजदूर प्रतिदिन काम कर रहे हैं। कुछ दिनों बाद नये वित्तीय वर्ष के बजट से ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के काम जैसे-जैसे बढ़ेंगे, काम करने वाले मजदूरों की संख्या लगातार बढ़ती जाएगी। कोरोना के दौरान जब दूसरे प्रदेशों से लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर अपने गांवों को लौटे थे, उस समय मनरेगा ही उनके रोजगार का प्रमुख साधन बना था। प्रतिदिन 40 से 60 लाख तक मजदूर मनरेगा के तहत काम करते रहे थे।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी, 2022 को आम बजट पेश किया था। इस बार यानी वित्त वर्ष 2022-23 के लिए मनरेगा के मद में 73000 करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है। यह बीते वित्त वर्ष के संशोधित बजट 98000 करोड़ रुपये से 25.5 प्रतिशत कम है। यह लगातार दूसरा वर्ष है जब भारी काम के मांग के बावजूद मनेरगा में बजट कटौती की गई है। इससे पहले बीते वित्त वर्ष में मनरेगा बजट में 34.5 प्रतिशत की कमी की गई थी, जबकि कोरोनाकाल में लाकडाउन के दौरान दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों से जब करोड़ों की संख्या में प्रवासी अपने गांव लौटेतो मनरेगा ने रोजमर्रा जीवन को चलाने में बड़ी भूमिका अदा की थी। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.