100 दिनों में हमने सीमित संसाधनों में बेहतर काम करके दिखाया: सीएम योगी
इस एजेंडे के तहत काम करते हुए सीएम ने तमाम विभागों की रिव्यू मीटिंग भी ली थी और उन्हें तेजी से काम करने को कहा था।
लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को लोकभवन पहुंच चुके हैं। यहां वो एक प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे हैं, जिसमें उन्होंने अपने 100 दिन का रिपोर्ट कार्ड पेश कर रहे हैं। इस दौरान योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारे सरकार ने पहली कैबिनेट बैठक में ही किसानों की कर्जमाफी का ऐलान किया था। हमारी सरकार लगातार प्रदेश के लोगों के लिए काम कर रही है।
इस दौरान '100 दिन विश्वास के नाम' नामक किताब का भी विमोचन किया गया। सीएम योगी ने कहा, '100 दिन का कार्यकाल छोटा सा कार्यकाल है लेकिन सीमित संसाधनों में हमनें अपने काम की शुरुआत की, इसे और भी बेहतर करने का प्रयास जारी है। गांव और किसान की वर्तमान स्थिति में सुधार नहीं होगा तबतक सबका विकास नहीं होगा।'
उन्होंने कहा कि हर साल 24 जनवरी 'उत्तर प्रदेश दिवस' के रूप में मनाया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने एंटी रोमियो दल के गठन का भी समर्थन किया। सीएम योगी ने कहा, 'प्रदेश में एंटी रोमियो दल के गठन के बाद महिलाएं अब खुद को सुरक्षित महसूस कर रही हैं। इसके अलावा हम प्रदेश की कानून व्यवस्था को लगातार मजबूत बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।'
उन्होंने कहा, 'हमारी सरकार समाज के सभी वर्ग के लिए बिना किसी भेदभाव के काम कर रही है।' साथ ही उन्होंने पहले की सरकारों पर भी निशाना साधा। सीएम योगी ने कहा, 'पिछले 14-15 वर्षों में प्रदेश जातिवाद और परिवारवाद में उलझ गया था। लेकिन हम इस परंपरा को बदलेंगे।'
वैसे राज्य सरकार ने अपनी सौ दिन की उपलब्धियां सार्वजनिक करने की तैयारी कई दिन पहले से ही शुरू कर दी थी, लेकिन इसे सोमवार को अंतिम रूप दिया गया। सड़कों की मरम्मत, कर्ज माफी, गेंहूं खरीद, गन्ना किसानों को बकाया दिलाना, समाज कल्याण योजनाओं में बदलाव आदि दर्जनों काम उसकी उपलब्धियों में हैं और इन पर उसका खास फोकस रहने के आसार हैं।
इसके साथ ही पिछली सरकार के कामकाज से तुलना करते हुए रिपोर्ट सामने रखी जाएगी।मुख्यमंत्री न सिर्फ प्रदेश की वित्तीय हालात को सामने रखेंगे, बल्कि ऐसी हालत क्यों हुई और कौन जिम्मेदार हैं, यह भी बताएंगे। गौरतलब है कि कमजोर वित्तीय हालातों की वजह से योगी सरकार की कई योजनाओं को ठिठकना पड़ा है।
मुख्यमंत्री पहले भी यह कहते रहे हैं कि उन्हें विरासत में जर्जर व्यवस्था मिली है। पिछली हुकूमत के वित्तीय कुशासन और घोटालों के दस्तावेजी सुबूत भी सामने रखे जा सकते हैं। राज्य सरकार अपने सौ दिनों के कामकाज की तुलनात्मक रिपोर्ट पेश करने के लिए हर विभाग से पिछले पांच साल की योजनाओं, केंद्र या प्रदेश सरकार द्वारा आवंटित राशि, कितना पैसा खर्च हुआ, काम की जमीनी हकीकत आदि जानकारियां पहले ही मंगा चुकी है।
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विशेष तौर पर उसका फोकस केंद्र सरकार की उन योजनाओं पर भी होगा जो राज्य की पूर्व सरकार की उपेक्षा की वजह से दम तोड़ती रहीं। उल्लेखनीय है कि गोमती रिवर फ्रंट, दिल्ली-सहारनपुर यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, जेपी सेंटर के सुंदरीकरण, यूपीएसआइडीसी के टेंडरों में हेराफेरी, पालना गृह योजना, चीनी मिलों को औने-पौने दाम पर बेचे जाने और वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर कब्जे और उन्हें बेचे जाने के घपले जैसे मामलों की सरकार सीबीआइ से जांच कराई जा रही है। सरकार यह भी सामने रखेगी कि किन वजहों से जांच का आदेश देना पड़ा।
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