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प्रदेश में बनेंगे शस्त्र लाइसेंस, योगी आदित्यनाथ सरकार ने हटाई रोक

प्रदेश में लंबे समय से शस्त्र लाइसेंस बनवाने की प्रतीक्षा कर रहे लोगों के लिए खुशखबरी है। सरकार ने शस्त्र लाइसेंस बनवाने पर लगी रोक हटा दी है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Mon, 08 Oct 2018 11:21 PM (IST)Updated: Tue, 09 Oct 2018 09:12 AM (IST)
प्रदेश में बनेंगे शस्त्र लाइसेंस, योगी आदित्यनाथ सरकार ने हटाई रोक

लखनऊ (जेएनएन)। प्रदेश में लंबे समय से बंद पड़ी शस्त्र लाइसेंस की प्रक्रिया फिर शुरू होगी। सूबे की योगी आदित्यनाथ ने शस्त्र लाइसेंस बनवाने पर लगी रोक हटा दी है।

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प्रदेश में लंबे समय से शस्त्र लाइसेंस बनवाने की प्रतीक्षा कर रहे लोगों के लिए खुशखबरी है। सरकार ने शस्त्र लाइसेंस बनवाने पर लगी रोक हटा दी है और शस्त्र धारकों को पहले की अपेक्षा अधिक कारतूस दिए जाने का तोहफा भी दिया है।

प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने बताया कि नवीन शस्त्र लाइसेंस अब आयुध नियमावली-2016 के अनुसार जारी किए जाएंगे। द्वितीय व तृतीय शस्त्र डीएम/लाइसेंस प्राधिकारी द्वारा औचित्य स्थापित करने पर ही मिलेगा। द्वितीय शस्त्र, तृतीय शस्त्र व रायफल के नवीन लाइसेंस के लिए मंडलीय व शासन स्तर पर गठित कमेटी को समाप्त कर दिया गया है। शस्त्र लाइसेंस के आवेदकों को असलहा चलाने की ट्रेनिंग (खाली बंदूक से) का प्रमाण पत्र दिया जाएगा। शस्त्र आवेदकों से अब फायङ्क्षरग कराकर उनका टेस्ट नहीं होगा। पहले से चली आ रही शस्त्र चालन टेस्ट प्रकिया को खत्म कर दिया गया है।

व्यक्तिगत शस्त्र लाइसेंस के धारकों के लिए कारतूस की सीमा भी बढ़ा दी गई है। अब व्यक्तिगत शस्त्र लाइसेंस धारक एक वर्ष में कुल 200 कारतूस हासिल कर सकेंगे। साथ ही वे एक समय में 100 कारतूस हासिल कर सकेंगे। बताया गया कि अब तक साल में 25 तथा एक समय में 10 कारतूस हासिल किए जाने की व्यवस्था थी। प्रमुख सचिव गृह ने कहा कि हर्ष फायङ्क्षरग की स्थिति में शस्त्र लाइसेंस को निरस्त किए जाने का प्रावधान भी किया गया है। अब ऐसी घटनाओं में शस्त्र लाइसेंस रद किए जाएंगे। लाइसेंस प्राधिकारी की सुविधा व लाइसेंस निर्गत करने में एकरूपता बनाए रखने के लिए तीन पेज की चेक लिस्ट भी तैयार की गई है।

होगा नियमित निरीक्षण

आयुध और गोला-बारूद खरीदने व बेचने को पहचान पत्र (आधारकार्ड/मतदाता पहचान पत्र/पासपोर्ट की छायाप्रति) अनिवार्य होगा। आयुध व गोला-बारूद को खरीदने-बेचने तथा सेफ कस्टडी में रखे शस्त्रों को दुरुपयोग को रोकने के लिए नियमित अंतराल पर उप जिला मजिस्ट्रेट व पुलिस उपाधीक्षक द्वारा औचक निरीक्षण की भी व्यवस्था की गई है।

अपराध पीडि़त सहित अन्य को मिलेगी वरीयता

अपराध पीडि़त, वरासतन, व्यापारी/उद्यमी, बैंक/संस्थागत/वित्तीय संस्थायें, विभिन्न विभागों के ऐसे कर्मी, जो प्रवर्तन कार्य में लगे हैं, सैनिक/अद्र्धसैनिक/पुलिस बल के कर्मी, एमएलए/एमएलसी/एमपी व राज्य/राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय स्तर के निशानेबाजों के आवेदनों को प्राथमिकता दी जाएगी। 


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