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ऋण माफी के पात्र किसानों को बैंक न भेजें नोटिस: योगी अादित्यनाथ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैंकों से अपेक्षा की है कि इस दौरान वे ऋणमाफी के दायरे में आने वाले किसानों को वसूली नोटिस न भेजें। बजट सत्र 11 जुलाई से प्रस्तावित है।

By Ashish MishraEdited By: Published: Thu, 29 Jun 2017 01:19 PM (IST)Updated: Thu, 29 Jun 2017 01:37 PM (IST)
ऋण माफी के पात्र किसानों को बैंक न भेजें नोटिस: योगी अादित्यनाथ
ऋण माफी के पात्र किसानों को बैंक न भेजें नोटिस: योगी अादित्यनाथ

लखनऊ(जेएनएन)। फसली ऋण माफी के लिए किसानों को बजट पारित होने तक प्रतीक्षा करनी होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैंकों से अपेक्षा की है कि इस दौरान वे ऋणमाफी के दायरे में आने वाले किसानों को वसूली नोटिस न भेजें। बजट सत्र 11 जुलाई से प्रस्तावित है।
मुख्यमंत्री बुधवार को योजना भवन में बैंकों के वरिष्ठ अधिकारियों की विशेष राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) की बैठक को संबोधित कर रहे थे। कहा कि बजट पारित होने के तुरंत बाद सरकार ऋण माफी के बराबर रकम बैंकों को उपलब्ध करा देगी। प्रशासन की मदद से बैंकर्स शिविर लगाकर लाभान्वित किसानों को ऋण माफी का प्रमाणपत्र उपलब्ध कराएंगे।

जिला प्रशासन की मदद से योजना का क्रियान्वन करें बैंक
योगी ने कहा कि हर पात्र किसान को योजना का लाभ मिले इसके लिए जिला प्रशासन और बैंकों में तालमेल जरूरी है। इसके लिए जिला स्तर पर डीएम की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा गांव-गरीब और किसानों की खुशहाली के लिए जो योजनाएं शुरू हैं उनकी सफलता बैंकों के सहयोग पर ही निर्भर है। व्यापक जनहित में उन्होंने बैंकों से सहयोग की अपेक्षा भी की।

ग्रामीण क्षेत्रों में और शाखाएं खोलें बैंक
योगी ने अन्य प्रदेशों की तुलना में आबादी के अनुपात के मुताबिक कम बैंक शाखाओं की ओर भी बैंकर्स का ध्यान खींचा। कहा कि डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने एवं हर व्यक्ति कोबैंकिंग सेवाओं से जोडऩे के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक और शाखाएं खोलें। सरकार इसके लिए उनको हर सुविधा मुहैया कराएगी। मुख्यमंत्री ने घटते ऋण और जमा अनुपात पर चिंता जताई। बैंकों से अपेक्षा की कि वह प्रधानमंत्री आवास योजना सहित केंद्र और प्रदेश की जनहित से जुड़ी तमाम योजनाओं और औद्योगिक विकास के लिए जरूरी धन मुहैया कराएं। सरकार प्रदेश का विकास दर दस फीसद तक ले जाना चाहती है। इसके लिए खेतीबाड़ी से जुड़े क्षेत्रों के विकास पर भी बैंकों को ध्यान देना होगा।

मुख्यमंत्री ने बताया ऋण माफी का औचित्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के करीब 78 फीसद लोग गांवों में रहते हैं। इनमें से अधिकांश की रोजी-रोटी खेती पर ही निर्भर है। खेती पर निर्भर किसानों में से 93 फीसदी लघु एवं सीमांत हैं। पिछले कुछ वर्षों में दैवी आपदा की मार से किसानों का यही तबका सर्वाधिक प्रभावित रहा। इनको ही राहत देने के लिए सरकार ने ऋण माफी का फैसला लिया। बैठक में वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल, मुख्य सचिव राहुल भटनागर और अपर मुख्य सचिव वित्त अनूप चंद्र पांडेय समेत सभी बैंकों और शासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

 

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